म्यांमार जाने के लिए तैयार नहीं है एक भी रोहिंग्या मुसलमान

punjabkesari.in Thursday, Aug 22, 2019 - 10:39 PM (IST)

टेकनाफः रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार भेजने की ताजा कवायद का नतीजा बृहस्पतिवार को सिफर रहा। बांग्लादेश द्वारा मुहैया कराई पांच बसों और 10 ट्रकों में कोई भी रोहिंग्या मुसलमान सवार नहीं हुआ। साल 2017 में सैन्य कार्रवाई के चलते म्यामां से भागने वाले मुसलमान अल्पसंख्यक समुदाय के 740,000 लोग अपनी सुरक्षा की गारंटी मिले बिना वापस लौटने से इनकार कर रहे हैं। साथ ही वह यह वादा किए जाने की मांग कर रहे हैं कि म्यांमार उन्हें नागरिकता देगा।

रोहिंग्या नेता नोसिमा ने एक बयान में कहा, ‘‘म्यामां सरकार ने हमारा बलात्कार किया और हमारी हत्या की इसलिए हमें सुरक्षा की जरूरत है। बिना सुरक्षा के हम कभी वापस नहीं जाएंगे।'' दक्षिण पूर्व बांग्लादेश में एक शिविर के रोहिंग्या सदस्य मोहम्मद इस्लाम ने कहा, ‘‘हमें नागरिकता, सुरक्षा की असली गारंटी और मूल जन्म स्थान का वादा चाहिए। इसलिए हमें स्वदेश भेजे जाने से पहले म्यांमार सरकार से बात करनी होगी।''

3,450 रोहिंग्याओं के पहले बैच को ले जाने के लिए मुहैया कराए गए वाहन टेकनाफ में शिविर में सुबह नौ बजे पहुंचे गए। लेकिन छह घंटे से भी अधिक समय बीतने के बाद कोई नहीं आया और वाहन खाली लौट गए। अधिकारियों ने बताया कि वे शुक्रवार को लौटेंगे। बांग्लादेश के शरणार्थी आयुक्त मोहम्मद अबुल कलाम ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने 295 परिवारों का साक्षात्कार किया लेकिन किसी ने भी अभी स्वदेश लौटने की इच्छा नहीं जताई है।'' उन्होंने बताया कि अधिकारी परिवारों से इस बाबत पूछते रहेंगे।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Pardeep

Recommended News

Related News