उत्तर कोरिया ने दागी जापान के ऊपर से मिसाइल, आबे बोले- सबक सिखाना जरूरी

punjabkesari.in Friday, Sep 15, 2017 - 10:49 AM (IST)

सोल: उत्तर कोरिया ने उसके परमाणु कार्यक्रमों को लेकर बढ़े तनाव के बीच संयुक्त राष्ट्र के नए प्रतिबंधों पर प्रतिक्रिया देते हुए आज एक बार फिर प्रशांत क्षेत्र में एक मिसाइल दागी जो जापान के ऊपर से होकर गुजरी। ऐसा प्रतीत होता है कि उत्तर कोरिया द्वारा अब तक दागी गई मिसाइलों में से इस मिसाइल ने सर्वाधिक दूरी तय की।
PunjabKesariप्योंगयांग के निकट से यह परीक्षण ऐसे समय में किया गया है जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल एवं परमाणु हथियार कार्यक्रमों को लेकर उसके खिलाफ प्रतिबंधों के आठ सेट लागू किए हैं।  इससे पहले उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरूआत में अपना छठा परमाणु परीक्षण किया था जो अब तक का उसका सबसे बड़ा परीक्षण है।
PunjabKesariप्योंगयांग ने कहा कि यह एक हाइड्रोजन बम था जो इतना छोटा है कि इसे मिसाइल में फिट किया जा सकता है।सुरक्षा परिषद ने न्यूयार्क में आज बाद में एक आपात बैठक आहूत की है। अमरीकी प्रशांत कमान ने पुष्टि की है कि रॉकेट मध्यम दूरी की एक बैलिस्टिक मिसाइल (आईआरबीएम) है और इससे उत्तर अमरीका या अमरीकी प्रशांत क्षेत्र के गुआम को कोई खतरा नहीं है।
PunjabKesariउ.कोरिया के उकसावे वाले कृत्यों को जापान कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता : आबे  ऊधर जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने आज कहा कि जापान दुनिया की शांति के लिए खतरा पैदा करने वाली उत्तर कोरिया की खतरनाक एवं उकसावे वाली गतिविधियों को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।
PunjabKesariआबे ने संवाददाताओं से कहा ‘‘हम यह कभी बर्दाश्त नहीं कर सकते कि शांति के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के उस दृढ़ एवं एकजुट संकल्प को उत्तर कोरिया प्रभावित करे जो संयुक्त राष्ट्र के घोषणापत्रों में जाहिर हुआ है। हम इस क्रूर कृत्य के खिलाफ एक बार फिर एकजुट हैं।’’ उन्होंने कहा ‘‘अगर उत्तर कोरिया इस रास्ते पर लगातार चलता रहेगा तो उसका कोई भविष्य नहीं होगा। हमें उत्तर कोरिया को यह समझाना होगा।’’  
PunjabKesariजापान में आज तड़के इस खबर से हलचल मच गई कि उत्तर कोरिया ने एक बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण किया जो जापान के उत्तरी द्वीप होक्काइदो के ऊपर से हो कर गुजरी। आबे ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक बुलाई है। उन्होंने जोर दे कर कहा ‘‘अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एकजुट होने का समय आ गया है।’’  


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