यहां शोरगुल वाले टीवी विज्ञापनों पर लगा प्रतिबंध, नया कानून डिजिटल स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स पर भी लागू
punjabkesari.in Wednesday, Oct 08, 2025 - 03:21 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः कैलिफोर्निया सरकार ने सोमवार को एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ऐसे विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगा दिया है जिनकी आवाज सामान्य कार्यक्रमों से अधिक तेज होती है। नए कानून के तहत अब टीवी और डिजिटल स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स जैसे Netflix, Hulu, Disney+, YouTube और Peacock सभी को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके विज्ञापन शो या फिल्म की आवाज के समान स्तर पर हों।
दर्शकों की वर्षों पुरानी शिकायत अब सुनी गई
कई दर्शक लंबे समय से शिकायत कर रहे थे कि टीवी पर आने वाले विज्ञापन शो या फिल्म की तुलना में बहुत तेज़ होते हैं, जिससे अचानक तेज़ आवाज़ से असुविधा होती है। विशेष रूप से रात के समय या परिवार के साथ टीवी देखने के दौरान यह परेशानी अधिक होती थी। कैलिफोर्निया की यह पहल उन दर्शकों को राहत देगी जिन्हें हर विज्ञापन ब्रेक पर रिमोट लेकर आवाज़ कम करनी पड़ती थी।
नया कानून अब स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स पर भी लागू
पहले 2010 में बना CALM Act (Commercial Advertisement Loudness Mitigation Act) केवल पारंपरिक केबल टीवी और सैटेलाइट प्रसारण सेवाओं तक सीमित था। लेकिन अब अपडेटेड कानून स्ट्रीमिंग सर्विसेज, स्मार्ट टीवी ऐप्स और डिजिटल विज्ञापन प्रदाताओं पर भी लागू होगा। इसका मतलब है कि अब Netflix या Hulu जैसे प्लेटफॉर्म्स पर आने वाले ऐड्स की आवाज़ भी सीमित होगी।
1 जुलाई 2026 तक सभी को पालन करना होगा
कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसम (Gavin Newsom) ने इस बिल पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि "लोग मनोरंजन के दौरान आराम चाहते हैं, शोर नहीं।"राज्य सरकार ने कंपनियों को 1 जुलाई 2026 तक का समय दिया है ताकि वे अपने ऑडियो सिस्टम और ऐड सर्विंग एल्गोरिदम को अपडेट कर सकें।
मनोरंजन उद्योग ने किया स्वागत
मोशन पिक्चर एसोसिएशन (MPA) ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि यह दर्शकों के अनुभव को बेहतर बनाएगा और स्ट्रीमिंग इंडस्ट्री के लिए नए ऑडियो स्टैंडर्ड स्थापित करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कानून अमेरिका के अन्य राज्यों में भी मिसाल बनेगा, जिससे भविष्य में राष्ट्रीय स्तर पर एक समान ‘वॉल्यूम रेगुलेशन पॉलिसी’ बन सकती है।
क्यों है यह बदलाव जरूरी?
साउंड इंजीनियरों के अनुसार, विज्ञापन कंपनियां अक्सर “लाउडनेस कम्प्रेशन” तकनीक का इस्तेमाल करती हैं ताकि उनका ऐड बाकी आवाज़ों के बीच सबसे ज्यादा सुना जा सके। लेकिन इससे दर्शकों को असुविधा होती है और सुनने की क्षमता पर भी असर पड़ सकता है।
नए नियमों के बाद, विज्ञापनदाताओं को अब अपनी साउंड मिक्सिंग तकनीक बदलनी होगी ताकि वे ऑडियो लिमिटेशन का पालन कर सकें।