कंगाल पाकिस्तान के गृहमंत्री का छलका दर्द- ''अपनी धुन पर नचाकर'' भी IMF नहीं दे रहा कर्ज

punjabkesari.in Tuesday, Jul 12, 2022 - 03:22 PM (IST)

इस्लामाबादः पाकिस्तान इस समय आर्थिक संकट से गुजर रहा है।  IMF से भी उसे कोई मदद मिलती नहीं दिख रही है। गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा कि देश को अपनी धुन पर नचाने के बावजूद IMF ने कोई कर्ज नहीं दिया।पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने रविवार को कहा कि देश को कठपुतली की तरह नचाने  के बावजूद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अपनी विस्तारित फंड सुविधा के तहत 6 बिलियन अमेरिकी डालर के बेलआउट पैकेज के लिए किश्त जारी नहीं की।  सनाउल्लाह ने IMF के बारे में एक सवाल के जवाब मेंकहा कि सरकार ने उन शर्तों को भी स्वीकार कर लिया है, जिसके हम पक्ष में नहीं थे।

 

जियो न्यूज ने बताया कि गृह मंत्री  सनाउल्लाह ने IMF  से बिना किसी देरी के किश्त जारी करने का आग्रह किया ताकि देश खुद को कठिन स्थिति से मुक्त करा सके। सनाउल्लाह ने कहा कि पाकिस्तान इस समय अपनी अर्थव्यवस्था के मामले में मुश्किल हालात से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि देश की खातिर हमें कठिन फैसले लेने पड़ते हैं, जिससे देश बेहतरी की ओर बढ़ रहा है।पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के शासन के नेतृत्व वाली पिछली सरकार का जिक्र करते हुए सनाउल्लाह ने कहा कि देश पर एक ऐसे समूह का शासन था जिसने बदला लेने के अलावा कुछ नहीं किया। इस बीच, पाकिस्तान ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार को बनाए रखने, पिछले ऋणों को चुकाने और चालू खाता घाटे के वित्त के लिए चालू वित्त वर्ष में अंतरराष्ट्रीय ऋणदाताओं से 5.5 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये (PKR) उधार लेने की योजना बनाई है।


 
हालाँकि, बजट में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), सऊदी अरब और SAFE चीन जमा, पाकिस्तानी अखबार द नेशन से वित्तपोषण शामिल नहीं था। पूर्वोक्त स्रोतों से वित्त पोषण को शामिल करने के बाद अनुमानित अंतरराष्ट्रीय उधारी की मात्रा अब बढ़कर 5.5 ट्रिलियन पीकेआर हो गई है। 'द नेशन' की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान सरकार अभी भी डालर की व्यवस्था करने के लिए संघर्ष कर रही है और उसे अगले वित्तीय वर्ष में 41 बिलियन अमेरिकी डालर के बाहरी वित्तपोषण की भी आवश्यकता है। बता दें कि आगामी वित्तीय वर्ष में विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाकर 18 बिलियन अमेरिकी डालर करने के लिए सरकार को 21 बिलियन अमेरिकी डालर का पिछला ऋण चुकाना होगा। इसलिए, सरकार ने चालू वित्त वर्ष में बड़े पैमाने पर उधार लेने की योजना बनाई है।


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Content Writer

Tanuja

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