पकड़ा गया झूठ ! चांद पर पहुंचा ही नहीं था नील आर्मस्ट्रॉन्ग, तस्वीरों ने खोला राज

punjabkesari.in Saturday, Jul 21, 2018 - 04:32 PM (IST)

न्यूयार्कः  20 जुलाई को इतिहास में एक बड़ी घटना के लिए याद किया जाता ।अमरीकी एस्ट्रोनॉट नील आर्मस्ट्रॉन्ग का दावा है कि इसी दिन इसांन का पैर सबसे पहले चंद्रमा पर पड़ा था।  इस घटना को  49 साल बीत चुके हैं। 20 जुलाई 1969 को इंसान ने पहली बार चंद्रमा पर कदम रखा। अपोलो-11 मिशन को लीड करते हुए एस्ट्रोनॉट नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने सबसे पहले चंद्रमा पर कदम रखने की हिम्मत जुुटाई। भले ही अमरीका ने चंद्रमा पर इंसान पहुंचा देने का दावा किया हो, लेकिन  जानकर हैरानी होगी कि इस बात पर आज भी कई लोगों को शक होता है। इनका कहना है कि नील कभी चंद्रमा पर उतरे ही नहीं।
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कुछ लोग आज भी मानने को तैयार नहीं है कि एयरोनॉटिकल इंजीनियर और अमरीकी सैनिक पायलट नील आर्मस्ट्रांग ने ऐसा कोई महान काम किया था। कुछ तो ये तक कहते हैं कि आर्मस्ट्रांग ने चंद्रमा पर कभी कदम रखा ही नहीं। वह ऐसे कई तथ्य रखते हैं, जो आर्मस्ट्रॉन्ग को सिलसिलेवार गलत साबित करने का दावा करते हैं। दरअसल, एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमरीका रूस के पहली बार स्पेस में जाने से स्पेस प्रोग्राम में पिछड़ गया था। ऐसे में दुनिया के लिए NASA ने चांद पर जाने का नाटक रचा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये चांद पर जाने का सारा खेल फिल्म स्टूडियो में रचा गया था। उन्होंने मिशन से जुड़ी हुई कई तस्वीरों को ध्यान से देखने पर ऐसा कहा था। 
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दिखाई गई तस्वीरों में अमरीकी झंडा हवा में उड़ता हुए दिखाई दे रहा है। जबकि एक्सपर्ट मानते हैं कि चंद्रमा पर जो वायुमंडल नहीं है इस कारण झंडा यूं लहरता हुआ नहीं दिखाई दे सकता। जब लोगों का ध्यान इन बिंदुओ पर पड़ा तो उनके दीमाग में भी यह चीजे आई। सिर्फ इतना ही नहीं चांद पर नील आर्मस्ट्रॉन्ग के पैरो के निशान देखकर पहले लोगों को बेहद खुशी हुई थी। लेकिन चांद पर ऐसा हो पाना मुमकिन नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि चन्द्रयान जिसका वजन 4 टन था उसने चन्द्रमा पर कोई निशान नहीं छोड़े, तो फिर आर्मस्ट्रॉन्ग के पैरों के निशान कैसे बन गए..? यह सवाल एक्सपर्ट टीम ने उठाया है। 


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Tanuja

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