शनि के गूढ़ रहस्यों का खुलासा कर हमेशा के लिए खामोश हुआ कासिनी

Saturday, Sep 16, 2017 - 07:51 AM (IST)

अपनी 20 वर्षों की अनवरत अंतरिक्ष यात्रा के दौरान सौर मंडल के तीसरे सबसे बड़े ग्रह शनि और उसके रहस्यमय वलयों तथा चंद्रमाओं की अहम जानकारी जुटाने वाला अमरीकी अंतरिक्ष एजैंसी नासा का खोजी यान कासिनी आज हमेशा के लिए खामोश हो गया। 


शनि के वायुमंडल में अपनी अंतिम यात्रा शुरू करने के साथ कासिनी ने भारतीय समयानुसार शाम 5 बजे शनि और उसके वायुमंडल की अंतिम तस्वीरें व रेडियो सिग्नल पृथ्वी पर भेजे। ये आखिरी संदेश नासा के आस्ट्रेलिया में केनबरा स्थित डीप स्पेस सैंटर में 1 घंटे 23 मिनट के बाद पहुंचेंगे। शनि से पृथ्वी की दूरी एक अरब मील होने के कारण प्रकाश की गति से पृथ्वी पर पहुंचने में भी इन्हें इतना समय लगेगा।


नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार कासिनी ने 11 लाख 30 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की तेज रफ्तार के साथ शनि के वायुमंडल में प्रवेश किया और चंद सैकेंडों में जलकर नष्ट हो गया। 2 अरब डालर के इस यान को जानबूझ कर शनि के वायुमंडल में प्रवेश करवाया गया क्योंकि वैज्ञानिकों का ऐसा मानना था कि ईंधन खत्म हो चुके इस यान को अगर यूं ही छोड़ दिया जाता तो उसके शनि के चंद्रमा टाइटन या फिर पॉलीड्यूसेस से टकराने की आशंका थी। वैज्ञानिकों के अनुसार वे ऐसा नहीं चाहते थे क्योंकि शनि के इन दोनों चंद्रमाओं पर जीवन के अंश होने की प्रबल संभावनाएं हैं जिसे किसी भी तरह का नुक्सान पहुंचाने का खतरा वे नहीं उठाना चाहते थे।


15 अक्तूबर, 1997 में अमरीका के फ्लोरिडा स्थित अंतरिक्ष केन्द्र से रवाना हुए कासिनी ने 30 जून, 2004 को देर रात शनि की कक्षा में प्रवेश किया था जिसके बाद वह 13 वर्षों तक इसी ग्रह के इर्द-गिर्द घूमता रहा। इस दौरान उसने शनि के 7 नए चंद्रमाओं मिथोन, पैलीन, पॉलीड्यूसेस, डैफनिस, एंथे, एगियोन और एस 2009 की खोज की।  

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