जर्मनी में इजरायल के खिलाफ फूटा मुसलमानों का गुस्सा, हैम्बर्ग की सड़कों पर उमड़ा जनसैलाब

punjabkesari.in Monday, Oct 14, 2024 - 06:04 PM (IST)

International Desk: जर्मनी के हैम्बर्ग शहर में शनिवार को हजारों मुसलमानों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया, जिसमें शरिया कानून और इस्लामी खिलाफत की मांग उठाई गई। प्रदर्शनकारियों ने "अल्लाहू अकबर" के नारे लगाए और इजरायल के खिलाफ खुली नाराजगी जाहिर की। यह विरोध प्रदर्शन मुस्लिम इंटरएक्टिव नामक संगठन द्वारा आयोजित किया गया था, जिसे जर्मनी की सुरक्षा एजेंसियां चरमपंथी समूह के रूप में मानती हैं। प्रदर्शन में 2,000 से अधिक मुसलमानों ने हिस्सा लिया, जिसमें शरिया कानून लागू करने और इस्लामी खिलाफत की बहाली की मांग की गई। प्रदर्शन के दौरान कई धार्मिक नारे लगाए गए और इस्लामिक एकता की बातें की गईं। जर्मनी में मुसलमान एक अल्पसंख्यक हैं, जिनमें से अधिकांश अफ्रीका और एशिया से आए शरणार्थी हैं। नागरिकता मिलने के बाद अब यह समूह देश में शरिया कानून की मांग कर रहा है, जिससे जर्मनी की मूल आबादी और सरकार चिंतित हैं।

 
यह प्रदर्शन मुस्लिम इंटरएक्टिव समूह द्वारा आयोजित किया गया था, जिसके संबंध हिज्ब उर-तहरीर से माने जाते हैं। हिज्ब उर-तहरीर एक ऐसा संगठन है, जो यहूदियों की हत्या को प्रोत्साहित करता है और जिसे जर्मनी में 2003 में प्रतिबंधित कर दिया गया था। जर्मन खुफिया एजेंसियों ने इस संगठन को चरमपंथी करार दिया है। प्रदर्शन में भीड़ ने इजरायल के खिलाफ नारे लगाए और उसकी नीतियों की कड़ी आलोचना की। इस संगठन का नेतृत्व रहीम बोटेंग कर रहे हैं, जिन्हें इस्लामी गतिविधियों के कारण शिक्षक पद से हटा दिया गया है। उनका कहना है कि केवल एक इस्लामी खिलाफत ही औपनिवेशिक व्यवस्था को खत्म कर सकती है और यहूदियों, ईसाइयों और मुसलमानों को शांति से साथ रहने की अनुमति दे सकती है। संगठन के सोशल मीडिया पोस्ट में भी इसी विचारधारा का प्रचार किया गया है।

 
प्रदर्शन में इजरायल के खिलाफ तीव्र गुस्सा देखा गया। मुस्लिम इंटरएक्टिव ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इजरायल के बारे में "टॉप 5 झूठ" का जिक्र करते हुए उसके ऐतिहासिक दावों और आत्मरक्षा के अधिकार को खारिज किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि इजरायल गाजा पट्टी में नरसंहार कर रहा है और यहूदियों के पक्षपाती हैं। यह प्रदर्शन जर्मनी में बढ़ते इस्लामिक कट्टरपंथ और उसकी संभावनाओं को लेकर गंभीर चिंताओं को जन्म दे रहा है। इस प्रकार की रैलियां यह सवाल खड़ा करती हैं कि जर्मनी में शरण लेने वाले कुछ समूह अब यहां के सामाजिक और राजनीतिक ढांचे को चुनौती दे रहे हैं। जर्मनी में इस्लामी खिलाफत और शरिया कानून की मांग करने वाले प्रदर्शन देश की शांति और स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा बन सकते हैं।


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Content Writer

Tanuja

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