चीन मे सीमा पर तैनात जवानों को लेकर किया बड़ा नीतिगत बदलाव

punjabkesari.in Thursday, Mar 22, 2018 - 05:32 PM (IST)

पेइचिंगः डोकलान विवाद के बाद से चीन कुछ न कुछ एेसा काम करने की फिराक में है जिसमें दोनों देशों में फिर से कोई परेशानी हो। अभी हालही में खबर आई थी कि चीन ने चीन ने चालाकी दिखाते हुए दक्षिणी डोकलाम में एक नई सड़क बना ली है और अब नई चाल चलते हुए चीन ने भारत से लगती अपनी सीमा पर तैनात जवानों को लेकर बड़ा नीतिगत बदलाव किया है। 

दरअसल, चीन ने फ्रंटियर ट्रूप्स पर सिविलियन कंट्रोल को पूरी तरह से खत्म कर इसे सीधे तौर पर सेना के नियंत्रण में ले लिया है। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (CPC) ने देश के सशस्त्र बलों पर सत्तारूढ़ पार्टी का प्रभाव बढ़ाने के लिए पीपल्स आर्म्ड पुलिस (PAP) से असैन्य संस्थानों के तहत काम करनेवाले फ्रंटियर डिफेंस ट्रूप्स को पूरी तरह से हटाने की घोषणा की है।

गौरतलब है कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग ही CPC के प्रमुख हैं। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ये ट्रूप्स पहले आर्म्ड पुलिस का हिस्सा थे और इसका प्रबंधन इंस्टिट्यूट ऑफ स्टेट काउंसिल द्वारा होता था। अब इसे सिस्टम से पूरी तरह से हटा दिया गया है जिससे पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) और दूसरे राष्ट्रीय सशस्त्र बल पूरी तरह से पार्टी के नियंत्रण में आ गए हैं। PLA द्वारा प्रकाशित एक लेख में बुधवार को इससे संबंधित जानकारी दी गई।

15 लाख जवानों वाली पैरामिलिटरी पुलिस फोर्स पहले दोहरे कमांड के तहत काम करती थी- CMC और स्टेट काउंसिल या कैबिनेट। यह फोर्स युद्ध या घरेलू अशांति या आतंक विरोधी अभियानों में सेना के लिए बैकअप के तौर पर काम करती है। इसके साथ ही यह फोर्स सीमा सुरक्षा में भी विशेश भूमिका निभाती है। यही नहीं, हाल ही में चीन के कोस्ट गार्ड को भी CMC चेन ऑफ कमांड में शामिल कर दिया गया। पहले कोस्ट गार्ड समुद्री प्रशासन के अधीन था। खास बात यह है कि चीन के कोस्ट गार्ज के ही शिप अक्सर पूर्वी चीन सागर में विवादित क्षेत्र में देखे जाते हैं। 


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