हादसा या साजिशः अचानक रडार से गायब सैन्य विमान बना आग का गोला ! शीर्ष कमांडर समेत 8 की मौत पर उठे सवाल (Video)

punjabkesari.in Wednesday, Dec 24, 2025 - 11:32 AM (IST)

International Desk:  तुर्किये के अंकारा से लीबिया जा रहा एक निजी ‘फाल्कन-50’ विमान उड़ान भरने के करीब 40 मिनट बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस भीषण हादसे में लीबिया के शीर्ष सैन्य कमांडर जनरल मोहम्मद अली अहमद अल-हद्दाद समेत कुल 8 लोगों की मौत हो गई।अंकारा के आसमान में जो हुआ, उसने कई सवाल खड़े कर दिए। टेकऑफ के कुछ ही देर बाद लीबिया का सैन्य विमान अचानक रडार से गायब हो गया। कुछ मिनटों बाद वही विमान आग का गोला बनकर जमीन से टकरा गया।

 

इस रहस्यमय हादसे में लीबिया के शीर्ष सैन्य कमांडर सहित आठ लोगों की मौत ने इसे सिर्फ एक तकनीकी दुर्घटना नहीं, बल्कि संभावित साजिश के नजरिए से भी देखने को मजबूर कर दिया है। तुर्किये और लीबिया, दोनों देशों की जांच एजेंसियां अब हर एंगल से पड़ताल में जुट गई हैं। यह हादसा सिर्फ एक विमान दुर्घटना नहीं, बल्कि क्षेत्रीय सैन्य और कूटनीतिक संतुलन से जुड़ा एक बड़ा सवाल बनता जा रहा है।

  •  आखिर विमान ने आपात संकेत क्यों भेजा?
  •  तकनीकी खराबी थी या किसी बाहरी हस्तक्षेप का संकेत?
  •  क्या सामने आए वीडियो हादसे की असली वजह बताएंगे?

 

हादसे की बड़ी वजह  
तुर्किये के अधिकारियों के मुताबिक, विमान ने दुर्घटना से ठीक पहले इलेक्ट्रिकल सिस्टम में खराबी की सूचना दी थी। पायलट ने आपात स्थिति में विमान उतारने का अनुरोध किया, जिसके बाद विमान को वापस अंकारा की ओर मोड़ा गया। लेकिन उतरने से पहले ही विमान रडार से गायब हो गया। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में विमान को तेजी से नीचे गिरते और फिर आग के गोले में तब्दील होते देखा जा सकता है। वीडियो ने इस आशंका को और गहरा कर दिया है कि तकनीकी खराबी के साथ-साथ मेंटेनेंस में लापरवाही भी हादसे की वजह हो सकती है।

 

सुरक्षा मानकों पर सवाल
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि विमान में पहले से तकनीकी दिक्कत थी, तो इतनी महत्वपूर्ण सैन्य उड़ान को अनुमति क्यों दी गई? क्या विमान की तकनीकी जांच पूरी तरह हुई थी यह अब जांच का अहम हिस्सा है। तुर्किये के न्याय मंत्रालय ने औपचारिक जांच शुरू कर दी है। वहीं लीबिया सरकार ने भी तुर्किये के साथ संयुक्त जांच के लिए एक विशेष दल अंकारा भेजने की घोषणा की है। यह हादसा ऐसे समय हुआ है जब तुर्किये और लीबिया के बीच सैन्य सहयोग बढ़ाने पर उच्चस्तरीय वार्ताएं चल रही थीं, जिससे इसके राजनीतिक और कूटनीतिक असर भी गहरे माने जा रहे हैं।
 

 


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Content Writer

Tanuja

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