ब्रिटेन में उत्तर पुस्तिकाओं  कारण अटकी विद्यार्थियों की स्नातक डिग्री

punjabkesari.in Monday, Aug 07, 2023 - 05:22 PM (IST)

 

लंदन: ब्रिटेन में श्रम विवाद के कारण व्याख्याताओं ने परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने से इंकार कर दिया है जिससे हजारों विद्यार्थियों को स्नातक की डिग्री नहीं मिल पा रही है। हफ्सा यूसुफ पिछले सप्ताह स्नातक करने वाली थीं। अंग्रेजी साहित्य की छात्रा यूसुफ ने समारोह में भाग लेने के लिए 200 पाउंड खर्च करके ‘ग्रेजुएशन गाउन' की व्यवस्था करने के साथ फोटोग्राफी तथा अपने परिवार के लिए टिकट का प्रबंध किया। लेकिन समारोह से ठीक दो हफ्ते पहले, लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ने उन्हें एक ई-मेल भेजा जिसमें कहा गया कि ब्रिटेन में अकादमिक कर्मचारियों द्वारा की गई हड़ताल के कारण अभी वह स्नातक की डिग्री हासिल नहीं कर सकेंगी।

 

करीब 140 विश्वविद्यालयों के व्याख्याताओं ने वेतन और कामकाजी परिस्थितियों को लेकर विवाद के बीच उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने और पठन-पाठन गतिविधियों में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया है। यूसुफ ने कहा, ‘‘मूल्यांकन प्रक्रिया का बहिष्कार किए जाने के कारण, मैं स्नातक होने में सक्षम नहीं हूं। हम सभी ने समय पर सभी शुल्क का भुगतान किया, बस दो सप्ताह पहले एक ई-मेल मिला कि आप समारोह में नहीं आ सकते।'' यूसुफ ने कहा कि उनके परिवार के अधिकांश लोग ब्रिटेन में रहते हैं, लेकिन कई छात्र दूसरे देशों के हैं और उन्होंने अपने परिवारों को विदेश से आने के लिए टिकट को लेकर भुगतान किया।

 

यह बहुत निराशाजनक है।'' यूसुफ और 2023 के सत्र में शामिल छात्र पहले ही अपने कॉलेज में गंभीर व्यवधानों का सामना कर चुके हैं। उन्होंने कोविड-19 के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान विश्वविद्यालय में दाखिला लिया था। इसके बाद विश्वविद्यालय कर्मचारियों की हड़तालें हुईं, जो जीवन-यापन के संकट के बीच बेहतर वेतन की मांग को लेकर ब्रिटेन के हजारों श्रमिकों के विरोध प्रदर्शन की श्रृंखला का हिस्सा हैं। कैम्ब्रिज से एडिनबर्ग तक हजारों विद्यार्थी श्रम विवाद के कारण स्नातक नहीं हो पा रहे हैं या अपने अंतिम अंक प्राप्त करने में अनिश्चितकालीन देरी का सामना कर रहे हैं। यह प्रदर्शन अप्रैल में शुरू हुआ और समाधान का कोई संकेत नहीं दिख रहा है। विश्वविद्यालय और कॉलेज संघों ने कॉलेज प्रबंधन पर विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटकाने का आरोप लगाया है। उनका तर्क है कि विश्वविद्यालयों के पास कर्मचारियों के वेतन को 10 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए पर्याप्त अतिरिक्त आय है, लेकिन वे कर्मचारियों के वेतन में किसी तरह की वृद्धि से इनकार कर रहे हैं।

 

संघों के साथ बातचीत में कॉलेजों का प्रतिनिधित्व कर रहे ‘यूनिवर्सिटीज एंड कॉलेजेज एम्प्लॉयर्स एसोसिएशन' का कहना है कि 2023 से 2024 तक कोई वेतन वृद्धि नहीं होगी, लेकिन जोर दिया कि वह कार्यभार और अनुबंध जैसे अन्य मुद्दों पर बातचीत करने के लिए तैयार है। कुछ छात्र अनुबंध के उल्लंघन के लिए विश्वविद्यालयों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं। यूसुफ ने कहा, ‘‘हम सैकड़ों और हजारों पाउंड का भुगतान करते हैं। अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों की फीस आसमान छू रही है। हम स्नातक होने की उम्मीद करते हैं। हमें उम्मीद है कि हम अपने ग्रेड समय पर हासिल कर लेंगे।''  


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Content Writer

Tanuja

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