ORACLE का दावा: AI से कैंसर के खिलाफ नई क्रांति की शुरूआत, 48 घंटों में संभव होगा इलाज !

punjabkesari.in Wednesday, Jan 22, 2025 - 06:26 PM (IST)

International Desk: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में नई खोज से कैंसर के इलाज में बड़ा बदलाव आने वाला है। अमेरिकी कंपनी ORACLE के CEO लैरी एलिसन ने दावा किया है कि AI से कैंसर के खिलाफ नई क्रांति की शुरूआत हो चुकी है और इसकी मदद से 48 घंटे में कैंसर का इलाज संभव हो सकेगा। उन्होंने कहा कि AI की नई खोज से कैंसर  का पता लगाना और उसके लिए कस्टमाइज्ड वैक्सीन बनाना अब केवल 48 घंटे में संभव होगा।

 

योजना पर तेजी से हो रहा काम
लैरी एलिसन ने बुधवार (22 जनवरी) को कहा, "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से कैंसर का जल्दी पता लगाकर उसके लिए कस्टमाइज्ड वैक्सीन तैयार की जा सकेगी। यह मरीजों के लिए इलाज को बेहद तेज और व्यक्तिगत बनाएगा।" हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह एक संभावित भविष्य की योजना है, जिस पर तेजी से काम किया जा रहा है।  ORACLE का  दावा है कि यह कदम न केवल कैंसर के खिलाफ लड़ाई को नया आयाम देगा, बल्कि लाखों जिंदगियों को बचाने में भी मील का पत्थर साबित हो सकता है।  

 

रूस के साथ  प्रतिस्पर्धा
अगर अमेरिका इस तकनीक में सफल होता है, तो यह रूस के साथ उसकी प्रतिस्पर्धा में महत्वपूर्ण कदम होगा। रूस ने पहले ही घोषणा की है कि 2025 से वह अपने नागरिकों को कैंसर वैक्सीन मुफ्त में देना शुरू करेगा। ऐसे में अमेरिका को इस दौड़ में आगे निकलने के लिए जल्द ही ठोस परिणाम देने होंगे।  

 

सफलता की ओर एक कदम   
अमेरिका के फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने मई 2024 में 4 मरीजों पर पर्सनलाइज्ड कैंसर वैक्सीन का परीक्षण किया था। वैज्ञानिकों का दावा है कि वैक्सीन के दो दिन के भीतर मरीजों की इम्युनिटी में उल्लेखनीय सुधार देखा गया। लैरी एलिसन के दावे ने कैंसर के मरीजों और उनके परिवारों में नई उम्मीदें जगा दी हैं। अगर यह तकनीक सफल होती है, तो कैंसर का डिटेक्शन और उसका इलाज बेहद तेज और प्रभावी हो जाएगा।  

 

 भारत में तेजी से बढ़ रहे कैंसर के मामले 
 विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनियाभर में हर 6 में से 1 मौत का कारण कैंसर है। यह मौतों की दूसरी सबसे बड़ी वजह है।  भारत में   कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 2019 से 2023 के बीच देश में 71 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए, जबकि करीब 40 लाख मौतें हुईं। अकेले 2023 में 15 लाख से अधिक मरीज दर्ज हुए।  
 
 


 


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Content Writer

Tanuja

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