किम के चंद कदम से मिटी 70 साल की दूरी, उत्तर व दक्षिण कोरिया के रिश्तों में बनेंगे नए समीकरण

punjabkesari.in Saturday, Apr 28, 2018 - 12:27 PM (IST)

सियोल (तनुजा तनु): द्वितीय विश्व युद्ध के बाद कोरिया दो भागों उत्तर कोरिया व दक्षिण कोरिया में विभाजित हो गया। जिसके बाद भारत-पाकिस्तान की तरह ही इन दोनों देशों में दुश्मनी सिर चढ़कर बोलती रही है। दोंनों मुल्कों के बीच दूरी इतनी बढ़ गई कि  पूरे 7 दशक तक उत्तर कोरिया के किसी शासक ने कभी दक्षिण कोरिया की सरजमीन पर कदम तक नहीं रखा। लेकिन 27 अप्रैल 2018 को इतिहास बदल गया और 70 साल बाद दोनों मुल्क के नेताओं ने पहली बार हाथ मिलाया ।

दोनों देशों के रिश्तों में बनेंगे नए समीकरण
जब दोनों देशों के शासकों  के हाथ एक-दूसरे के हाथों में थे तब भी दोनों  के पैर अपने-अपने मुल्क में थे। बाद में दोनों के कदम एक-दूसरे की सरजमीन पर पड़े और इसके साथ ही उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन अपने देश के पहले ऐसे नेता बन गए जिनके कदम दक्षिण कोरिया में पड़े। उत्तर कोरिया के  किंग किम के चंद कदमों ( शायद 40 कदम) से ही 70 साल की ये दूरी मिट गई।  मगर इन 40 क़दमों को उठाने में पूरे 70 बरस लग गए।
PunjabKesari भारत समेत कई एशियाई देशों  के व्यापार का खुलेगा रास्ता  
माना जा रहा है कि  उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया की सरहदों को  मिटी ये दूरी  दोनों देशों के रिश्तों में नए समीकरण बनाएगी। माना जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद उत्तर कोरिया परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाएगा। दोनों देशों के साझे घोषणापत्र में कहा गया है कि पूरे कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु हथियारों से मुक्त किया जाएगा। अगर उत्तर कोरिया इस दिशा में आगे बढ़ता है तो अन्य देश भी उससे प्रेरणा ले सकते हैं। इस मुलाकात के बाद भारत समेत कई एशियाई देशों का उत्तर कोरिया के साथ व्यापार का रास्ता खुल जाएगा। अमरीका और अन्य देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण यह देश उत्तर कोरिया से कारोबार नहीं कर पा रहे थे।

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Tanuja

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