पाक से किया गया ''कनिष्क स्तूप'' को आठवां अजूबा बनाने का अनुरोध

Friday, Jan 27, 2017 - 03:02 PM (IST)

पेशावर:अमरीका के एक प्रतिष्ठित इतिहासकार और विद्वान ने पाकिस्तान सरकार से अनुरोध किया है कि वह प्राचीन बौद्ध स्मारक कनिष्क स्तूप को दुनिया का आठवां अजूबा बनाने के लिए यूनेस्को से बात करे।इस स्मारक को यह दर्जा दिलाने का प्रमुख आधार इसके महत्वपूर्ण निर्माण ढांचे को बताया गया है।

अमजद हुसैन ने यहां विक्टोरिया हॉल में आयोजित ‘कनिष्क विहार,एक प्राचीन पीपल वृक्ष और एक पवित्र भिक्षापात्र’ शीर्षक वाले व्याख्यान में कहा कि कभी पेशावर में रहा यह स्तूप दुनिया में अपनी महत्वपूर्ण संरचना,इंसान की मेहनत की रचनात्मकता की बानगी और एेतिहासिक किताबों में इसके उल्लेख के कारण आठवां अजूबा घोषित किए जाने के योग्य है।’’हुसैन ने कल कहा कि जापान और चीन से इस स्थान को अधिग्रहित करने का अनुरोध करने के अलावा यूनेस्को से कनिष्क स्तूप को एक ‘वैश्विक विरासत स्थल’ घोषित करने के लिए बातचीत करनी चााहिए।

अमरीका में हृदय संबंधी समस्याओं के प्रोफेसर हुसैन पेशावर से हैं और इतिहास,संस्कृति,धर्म और पेशावर की भाषाई एवं सांस्कृतिक विरासत जैसे विविध विषयों पर 16 पुस्तकें प्रकाशित कर चुके हैं।हुसैन ने इस प्राचीन स्थल के इतिहास पर रोशनी डालते हुए कहा,‘‘पेशावर शहर से कुछ दूरी पर स्थित गंज गेट पर, जिसे शाह जी की ढेरी के नाम से जाना जाता है, एक एेसा स्थान है, जहां एक स्तूप हुआ करता था। यह स्तूप पहली सदी में ईसा पश्चात कुषाण कनिष्क के शासनकाल में बना था।’’क्षेत्र में बौद्ध धर्म के कमजोर पड़ने के साथ यह एेतिहासिक स्थल धुंधला गया। 

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