जापानी उप प्रधानमंत्री ने देश की घटती आबादी के लिए महिलाओं पर किया वार, मच गया बवाल

punjabkesari.in Wednesday, Feb 06, 2019 - 12:21 PM (IST)

टोक्योः जापान के उप प्रधानमंत्री टारो आसो देश की घटती आबादी के लिए इसका ठीकरा सिर्फ महिलाओं के सिर पर फोड़ दिया है। आबादी को लेकर उप प्रधानमंत्री  पुरुषों के हक व महिलाओं के खिलाफ दिए अपने इस बयान पर बुरी तरह फंस गए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक भाषण के दौरान 78 वर्षीय आसो ने कहा था कि वह नहीं मानते की घटती आबादी के लिए बुजुर्ग जनसंख्या जिम्मेदार है। देश के वित्त मंत्री का पद भी संभाल रहे आसो ने कहा कि कम आबादी के लिए वह महिलाएं जिम्मेदार हैं जो बच्चों को जन्म नहीं देना चाहती हैं।  आसो के इस बयान का विपक्षी नेताओं  के अलावा सोशल मीडिया पर  भी कड़ा विरोध किया जा रहा है। देखते ही देखते विरोध तेज हो गया और आसो के बयान पर तीखी प्रतिक्रियाएं आने लगीं। 
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बजट सत्र के दौरान विपक्षी सांसदों के विरोध के बाद आसो ने सोमवार को कहा कि अगर उनके बयान से लोग आहत हुए हैं तो वह उसे वापस लेते हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरे बयान को गलत ढंग से लिया गया और उसके मूल को नहीं समझा गया है। बता दें कि जापान बूढ़ी आबादी वाला देश है, यहां 20 फीसदी से अधिक लोगों की उम्र 65 साल या उससे ज्यादा है। 1970 के बाद से जापान की आबादी तेजी से गिरी है। 2017 में देश में जहां 9.50 लाख बच्चे पैदा हुए वहीं इस वर्ष मरने वालों की संख्या 13 लाख थी। 2018 में जापान की जन्म दर सबसे निचले स्तर पर आ गई और 4.48 लाख आबादी घट गई है।

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जापान में लिंगभेदी टिप्पणी पर फंसने वाले आसो पहले नेता नहीं हैं। इनसे पहले भी कई नेता इस तरह की स्थिति में फंस चुके हैं। मई 2018 में सरकार के एक मंत्री ने कहा था कि युवा महिलाओं को अधिक बच्चे पैदा करने चाहिए। ऐसा नहीं करने वालों को राज्य पर बोझ समझा जाएगा और इन्हें इसके लिए तैयार होना  चाहिए। वहीं कांजी काटो ने कहा था कि वह जब भी किसी ऐसी महिला से मिलते हैं जो शादी नहीं करना चाहती तो वह उससे कह देते हैं कि उसका बुढ़ापा दूसरों के बच्चों दिए जाने वाले कर की बदौलत एक वृद्धाश्रम में बीतेगा। 

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Tanuja

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