मौतों से तड़पते गाजा के लिए पसीजा इजराइल, इंसानियत के नाम पर उठाया बड़ा कदम
punjabkesari.in Sunday, Jul 27, 2025 - 02:23 PM (IST)

International Desk: लगातार बमबारी, बंद रास्ते और टूटती राहत आपूर्ति के बीच गाजा पट्टी में लोग जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। कई महीनों से जारी संघर्ष के बीच अब इज़राइली सेना ने मानवीय संकट को देखते हुए तीन इलाकों मुवासी, दीर अल-बलाह और गाजा सिटी में रोजाना कुछ घंटों के लिए गोलाबारी रोकने का ऐलान किया है।इज़राइल ने रविवार को बताया कि यह अस्थायी युद्धविराम हर दिन सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक लागू रहेगा और अगले आदेश तक जारी रहेगा। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय राहत एजेंसियों और यूनाइटेड नेशंस (UN) के काफिलों को सुरक्षित रास्ते दिए जाएंगे ताकि हजारों जरूरतमंद लोगों तक खाना, पीने का पानी, दवाइयां और अन्य जरूरी सामान पहुंच सके।
इज़राइली सेना ने शनिवार को भी साफ किया था कि गाजा के इलाकों में हवाई रास्ते से भी राहत सामग्री भेजी जाएगी। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र और दूसरी मानवीय एजेंसियों को सुरक्षित गलियारे दिए जाएंगे ताकि ट्रक और राहत काफिले आसानी से शहरों और कैंपों में फंसे लोगों तक पहुंच सकें। गाजा में लड़ाई के चलते खेती, बाजार, पानी की सप्लाई और अस्पतालों तक की व्यवस्था बुरी तरह चरमरा चुकी है। संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि गाजा में हालात अकाल जैसे बन चुके हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सैकड़ों बच्चे कुपोषण और इलाज के अभाव में अपनी जान गंवा चुके हैं।
हाल के हफ्तों में कई बार जब लोग खाना या राहत सामग्री लेने पहुंचे तो फायरिंग और भगदड़ में कई लोगों की मौत भी हुई। इसके चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इज़राइल पर दबाव बढ़ा कि वह कम से कम राहत पहुंचाने के लिए सीमित युद्धविराम दे। ये तीनों इलाके फिलहाल गाजा पट्टी में सबसे ज्यादा प्रभावित माने जा रहे हैं। यहां हजारों परिवार अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं, जहां पीने का पानी, दवाइयां और खाना बेहद कम पहुंच रहा है।
इज़राइल का यह फैसला मानवीय दबाव के चलते लिया गया है ताकि राहत एजेंसियां बिना डर के जरूरी सामान वितरित कर सकें। हालांकि, कई विशेषज्ञ मानते हैं कि हालात संभालने के लिए सिर्फ अस्थायी युद्धविराम काफी नहीं है। गाजा को लंबे समय के लिए टिकाऊ समाधान और सुरक्षित आपूर्ति चैन की जरूरत है। फिलहाल गाजा के लोगों के लिए यह अस्थायी राहत उम्मीद की एक किरण जरूर है, लेकिन दुनिया को इंतजार है कि कब शांति और स्थायी समाधान इस तबाह इलाके में लौटेगा।