VIDEO: जंग के बीच इजरायली मंत्री ने फिलिस्तीनियों के साथ अल-अक्सा मस्जिद में की प्रार्थना, पूरी दुनिया में मच गया बवाल
punjabkesari.in Wednesday, Aug 14, 2024 - 02:30 PM (IST)
तेल अवीव: गाजा में इजरायल और हमास के बीच संघर्ष जारी है, और युद्धविराम के लिए किए जा रहे प्रयास अब तक विफल रहे हैं। ऐसे में इजरायल के धुर दक्षिणपंथी राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतमार बेन ग्विर ने मंगलवार को पूर्वी यरुशलम के अल-अक्सा मस्जिद परिसर में 2200 से अधिक यहूदियों के साथ प्रार्थना की। इस कदम की दुनियाभर में कड़ी आलोचना हो रही है । बेन ग्विर की यह यात्रा स्थिति को और जटिल बना रही है। इस घटना के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय और इजरायल के सहयोगी देशों की प्रतिक्रिया सामने आई है।
Extremist Israeli minister Itamar Ben Gvir performs a provocative song with other colonial settlers who stormed Al-Aqsa Mosque this morning in occupied Jerusalem. pic.twitter.com/Uk1bGH4z9a
— Kuffiya (@Kuffiyateam) August 13, 2024
अल-अक्सा मस्जिद, जिसे इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल माना जाता है, फिलिस्तीनी राष्ट्रीय पहचान का प्रतीक भी है। यह स्थान यहूदी धर्म का भी महत्वपूर्ण स्थल है, जिसे 70 ईस्वी में रोमनों द्वारा नष्ट किए गए प्राचीन मंदिर का स्थल माना जाता है। पूर्वी यरुशलम में स्थित इस परिसर में यहूदियों और अन्य गैर-मुसलमानों को जाने की अनुमति तो है, लेकिन उन्हें वहां प्रार्थना करने या धार्मिक प्रतीकों को प्रदर्शित करने की अनुमति नहीं है।
‼️Israel's Security Minister Itamar Ben Gvir Stokes Further Tensions at Al Aqsa Compound - the far-right politician accompanied by hundreds of Israeli settlers lying on the ground in prayer, violating police instructions pic.twitter.com/5aOyVXK5Mm
— Monitor𝕏 (@MonitorX99800) August 13, 2024
दुनियाभर में आलोचना
बेन ग्विर की इस यात्रा की दुनियाभर में आलोचना हो रही है। मुस्लिम देशों के साथ-साथ अमेरिका, यूरोपीय संघ, और संयुक्त राष्ट्र ने भी उनके इस कदम की कड़ी निंदा की है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि बेन ग्विर ने इस पवित्र स्थल पर यथास्थिति का गंभीर उल्लंघन किया है। उन्होंने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से इस तरह की उकसावे वाली कार्रवाइयों को रोकने का आह्वान किया, क्योंकि ये कार्रवाइयां केवल तनाव को और बढ़ाती हैं।
अरब देशों और पश्चिमी शक्तियों की प्रतिक्रिया
जॉर्डन के विदेश मंत्रालय ने इस यात्रा को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार दिया है। मुस्लिम देशों के संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने भी इस घटना की निंदा की और इसे दुनियाभर के मुसलमानों की भावनाओं को भड़काने वाला कहा। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र पवित्र स्थलों पर यथास्थिति में किसी भी बदलाव का विरोध करता है।
यूरोपीय संघ और फ्रांस की निंदा
यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल और फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने भी इस घटना को उकसावे वाला कदम बताते हुए इसकी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं केवल तनाव को बढ़ाती हैं और शांति के प्रयासों को नुकसान पहुंचाती हैं।
अमेरिका ने कहा...
अमेरिका ने कहा है कि इस समय गाजा में युद्ध को रोकने पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी है, और ऐसी कार्रवाईयां स्थिति को और खराब कर सकती हैं। बेन ग्विर जैसे अतिवादी नेताओं के इस तरह के कदमों से पूर्व में भी कई बार फिलिस्तीनियों की ओर से हिंसक प्रतिक्रियाएं हुई हैं।