इजराइल ने गाजा के 50 प्रतिशत हिस्से पर किया कब्जा, फिलीस्तीनियों के लिए लौटना असंभव

punjabkesari.in Monday, Apr 07, 2025 - 02:08 PM (IST)

International Desk: हमास के खिलाफ पिछले महीने युद्ध फिर से शुरू करने के बाद से इजराइल ने गाजा पट्टी में अपने प्रभाव का तेजी से विस्तार किया है और अब वहां 50 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र उसके नियंत्रण में है। इजराइली सैनिकों और अधिकार समूहों ने बताया कि सेना द्वारा नियंत्रित सबसे बड़ा निकटवर्ती क्षेत्र गाजा सीमा के आसपास है, जहां सेना ने फिलीस्तीनी मकानों, कृषि भूमि और बुनियादी ढांचे को इस हद तक तबाह कर दिया है कि अब वहां रहना असंभव है। हाल के सप्ताह में इस सैन्य ‘बफर जोन' का आकार दोगुना हो गया है।

 

इजराइल का कहना है कि उसकी यह कार्रवाई अस्थायी रूप से जरूरी है ताकि सात अक्टूबर 2023 को हुए हमले के दौरान बंधक बनाए गए शेष लोगों को रिहा करने के लिए हमास पर दबाव बनाया जा सके। हमास द्वारा सात अक्टूबर 2023 को किए गए हमले के बाद यह युद्ध शुरू हुआ था। बहरहाल, मानवाधिकार समूहों और गाजा संबंधी मामलों के विशेषज्ञों का कहना है कि इजराइल के कब्जे वाली भूमि में क्षेत्र के उत्तर को दक्षिण से विभाजित करने वाला गलियारा भी शामिल है और इसका इस्तेमाल दीर्घकालिक नियंत्रण के लिए किया जा सकता है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पिछले सप्ताह कहा था कि हमास की हार के बाद भी इजराइल गाजा में सुरक्षा नियंत्रण बनाए रखेगा और फलस्तीनियों को वहां से जाने के लिए मजबूर करेगा।

 

इजराइल के पांच सैनिकों ने बताया कि इजराइली सीमा के निकट ध्वस्तीकरण और ‘बफर जोन' का व्यवस्थित विस्तार 18 महीने पहले युद्ध शुरू होने के बाद से जारी है। टैंक दस्ते के साथ तैनात एक सैनिक ने कहा, ‘‘उन्होंने (इजराइली बलों ने) वह सब कुछ नष्ट कर दिया जो वे कर सकते थे... (फलस्तीनियों के पास) वापस आने के लिए कुछ नहीं होगा, वे वापस नहीं आएंगे, कभी नहीं।''

 

हताहत हुए सैनिकों के बारे में पूछे जाने पर इजराइली सेना ने कहा कि सेना अपने देश की रक्षा के लिए और विशेष रूप से सात अक्टूबर के उस हमले के कारण तबाह हुए दक्षिणी समुदायों में सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए काम कर रही है, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए थे और 251 बंधक बनाए गए थे। सेना ने कहा कि वह गाजा में आम नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहती और वह अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करती है। उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों से पता चलता है कि जिन इलाकों में कभी घनी आबादी थी वे अब मलबे में तब्दील हो गए हैं तथा संघर्ष विराम समझौता समाप्त होने के बाद से लगभग एक दर्जन नयी इजराइली सैन्य चौकियां भी बन गई हैं।  


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Content Writer

Tanuja

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