ब्रिटेन की जेलों में इस्लामी गिरोहों का दबदबा, मुस्लिम कैदियों की संख्या 3 गुना बढ़ी, भीतर बन रही शरिया अदालतें
punjabkesari.in Wednesday, Apr 16, 2025 - 06:55 PM (IST)

London: ब्रिटेन की हाई-सिक्योरिटी जेलें आज एक नए खतरे का सामना कर रही हैं। यहां इस्लामी कट्टरपंथी गिरोहों का दबदबा इस कदर बढ़ गया है कि जेलों के अंदर शरिया अदालतें चल रही हैं और धार्मिक सज़ाएं दी जा रही हैं। जेल प्रशासन के लिए यह स्थिति बेकाबू होती जा रही है। 2017 के मैनचेस्टर एरीना बम धमाके के दोषी हाशिम अबेदी ने हाल ही में फ्रैंकलैंड जेल में तीन अधिकारियों पर हमला कर दिया। उसने अपने साथियों के साथ गर्म तेल और धारदार हथियारों से अधिकारियों को घायल किया। यह हमला ब्रिटेन की जेलों में सक्रिय इस्लामी चरमपंथी नेटवर्क की खतरनाक हकीकत को उजागर करता है।
एक ब्रिटिश अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, कई जेलें अब इस्लामी गिरोहों के कब्जे में हैं। ये गिरोह नए कैदियों को धमकाकर या लालच देकर अपने गिरोह में शामिल कर रहे हैं। कट्टरपंथ की विचारधारा का प्रचार भी लगातार हो रहा है। पूर्व जेल गवर्नर इयान एचसन ने चेताया था कि जेलें कट्टरपंथियों की भर्ती और ब्रेनवॉशिंग का अड्डा बन चुकी हैं। सरकार ने "सेपरेशन सेंटर" बनाए लेकिन परिणाम सीमित रहे।
9/11 के बाद से बढ़ी कट्टरता: 22 साल में मुस्लिम कैदियों में भारी वृद्धि
- 2002 में मुस्लिम कैदी: 5,500
- 2024 में मुस्लिम कैदी: 16,000
- 2017 में आतंकवाद से जुड़े मुस्लिम कैदी: 185
- 2024 में घटकर: 157 लेकिन यह अब भी कुल आतंकी कैदियों का 62% है
2019 की एक रिपोर्ट में सामने आया कि जेलों में "मुस्लिम ब्रदरहुड" जैसे गिरोह सक्रिय हैं। इन गिरोहों ने जेलों के भीतर ड्रग्स तस्करी, ब्लैक मनी रैकेट और धार्मिक अदालतें तक खड़ी कर ली हैं, जहां कैदियों को धर्म के नाम पर सज़ा दी जाती है। ब्रिटिश प्रिजन ऑफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव स्टीव गिलन ने बताया कि जेल अधिकारी कई बार धार्मिक भेदभाव के आरोपों के डर से कार्रवाई नहीं कर पाते। प्रिजन गवर्नर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मार्क इके ने माना कि जागरूकता और ट्रेनिंग से हालात में थोड़ा सुधार हुआ है, लेकिन समस्या अब भी गंभीर है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार और जेल प्रशासन अगर इस कट्टरपंथी नेटवर्क पर सख्त कार्रवाई नहीं करते, तो जेलें धीरे-धीरे आतंकी विचारधारा की प्रयोगशाला बन जाएंगी।