''अगर अमेरिका ना आता तो...'' ईरान के सुप्रीम लीडर ने इजरायल पर जीत का किया एलान

punjabkesari.in Thursday, Jun 26, 2025 - 06:03 PM (IST)

International Desk : इजरायल के साथ 12 दिन तक चले युद्ध के बाद और सीजफायर लागू होने के बाद, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई ने अपना पहला सार्वजनिक बयान दिया है। उन्होंने 'महान देश ईरान' को बधाई दी और 'झूठे ज़ायोनी शासन' यानी इजरायल के खिलाफ विजय का ऐलान किया है। खामेनेई कुछ दिनों से सार्वजनिक तौर पर सामने नहीं आए थे, और जब अमेरिका ने ईरान पर हमला किया था तब से उनके बयान का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था।


अमेरिका का जंग में आने का मुख्य कारण
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी इरना ने अयातुल्ला खामेनेई के बयान का हवाला देते हुए कहा है कि “बहुत सारे शोर-शराबे और दावों के बावजूद, ज़ायोनी शासन लगभग खत्म हो चुका है और इस्लामी गणराज्य के हमलों ने उसे पूरी तरह से दबा दिया है।” उन्होंने आगे कहा कि “अमेरिका इस संघर्ष में इसलिए शामिल हुआ क्योंकि उसे लगा था कि अगर वह इजरायल के साथ ना खड़ा हुआ तो ज़ायोनी शासन पूरी तरह नष्ट हो जाएगा, लेकिन इस युद्ध से अमेरिका को कोई फायदा नहीं मिला।” खामेनेई ने इजरायल का सीधे नाम लेने से बचते हुए उसे ‘झूठा ज़ायोनी शासन’ कहा।

खामेनेई ने खाड़ी क्षेत्र में तैनात अमेरिकी सेना पर ईरान द्वारा किए गए जवाबी हमले का भी उल्लेख किया। उन्होंने दावा किया कि इस हमले ने अमेरिका की सैन्य क्षमता को सीधे प्रभावित किया है। खामेनेई ने कहा, "इस्लामी गणराज्य ने अमेरिका को उसके ही घर पर करारा झटका दिया है। इसने अल-उदीद एयर बेस पर हमला किया, जो इस क्षेत्र में अमेरिका के मुख्य ठिकानों में से एक माना जाता है, और उसे भारी नुकसान पहुंचाया।"

 

 


अमेरिका को भी चेतावनी 
एक अन्य बयान में, खामेनेई ने चेतावनी दी कि ईरान के पास क्षेत्र में अमेरिका के खिलाफ अपनी मर्जी से हमला करने की पूरी क्षमता मौजूद है। उनके आधिकारिक अकाउंट से जारी एक पोस्ट में कहा गया, ‘यह तथ्य है कि इस्लामी गणराज्य के पास क्षेत्र में अमेरिका के महत्वपूर्ण ठिकानों तक पहुंच है और जब भी जरूरत पड़े, वह कार्रवाई करने में सक्षम है। भविष्य में भी ऐसी कार्रवाइयां दोहराई जा सकती हैं। यदि कोई हमला होता है, तो दुश्मन को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।’


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Content Editor

Shubham Anand

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