ब्रिटेन में प्रवासियों का रहना हुआ मुश्किल, गालियां देकर कहा जा रहा- वापिस जाओ
punjabkesari.in Tuesday, Jun 28, 2016 - 04:40 PM (IST)
नई दिल्ली: ब्रिटेन में यूरोपियन यूनियन से अलग होने को लेकर हुए रेफरेंडम के बाद नस्लवादी टिप्पणियों और धमकी की घटनाओं में तेजी देखी जा रही है। रग्बी बाजार में रह रहे एक पूर्वी यूरोपियन ने हाल ही में शिकायत की है कि किसी ने उनके मेलबॉक्स में कुत्ते का पेशाब फेंक दिया। कुछ शराबी लोगों ने लंदन में सब-वे के अंदर एक कार सवार से गाली गलौज किया। यह हाल पूरे ब्रिटेन का है, जहां ईयू के रिजल्ट के बाद विदेशी लोगों को पसंद नहीं करने के व्यवहार में बढ़ोतरी हुई है।
बदल गए हैं हालात
बदल गए हैं हालात
आलम यह है कि विदेश में जन्म लेने वाले या निकट के इलाकों से ताल्लुक रखने वालों को यूके अचानक ही किसी डरावने जगह की तरह लगने लगा है। 32 साल की रोमानियन ओआना कहती हैं, शुक्रवार से पहले हम एक सहिष्णु समाज में रह रहे थे। मैं 13 साल से यहां हूं। मैंने कभी ये महसूस नहीं किया कि मुझे यह छिपाने की जरूरत है कि मैं कहां की मूल निवासी हूं। लेकिन शुक्रवार से हालात पूरी तरह बदल गए हैं।
ब्रिटेन में लगने लगा है डर
ब्रिटेन में लगने लगा है डर
ट्विटर और फेसबुक पर कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जहां लोगों ने महसूस किया है कि उनके साथ भेदभाव किया गया है, वो भी सिर्फ इसलिए कि वे काले हैं या फिर मूल रूप से ब्रिटिश नहीं हैं। ब्रिटेन के स्काई न्यूज के प्रेजेंटर एडम बॉलटॉन ने ट्विटर पर लिखा कि उनकी फैमिली और उनसे अलग-अलग घटनाओं में धमकी और गाली-गलौज करते हुए पूछा कि वह अपने घर कब जा रहे हैं? ब्रिटेन में रहने वाले मुस्लिम समुदाय को भी ऐसी ही परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है। लोग हमसे कह रहे हैं कि अपने घर जाओ।
लोगों को जैसे छूट मिल गई
लोगों को जैसे छूट मिल गई
वहीं, यूनाइटेड किंगडम इंडीपेंडेंस पार्टी के नेता निगेल फराज कहते हैं कि हमनेे कभी ऐसे व्यवहार का समर्थन नहीं किया और न ही कभी करेंगे। जबकि ब्रिटिश लॉमेकर हरमन कहते हैं कि ब्रेक्जिट कैंपेन को लेकर ऐसा महौल बनाया जा रहा है, जिससे लोगों को लग रहा है कि उन्हें नस्लवाद और बाहरी लोगों के खिलाफ कुछ भी बोलने, करने की छूट मिल गई है।