पाकिस्तान को खंजर की तरह चुभे अमरीकी उप विदेश मंत्री के बयान, पाक बुद्धिजीवी बोले क्यों हम अपने आपको बिछा देते हैं?

Wednesday, Oct 13, 2021 - 05:57 PM (IST)

इंटरनेशनल डैस्क: अमरीकी उप विदेश मंत्री वेंडी शरमन के दौरे के बाद पाकिस्तान के सियासी गलियारों में खासा बवाल मचा हुआ हुआ है। दरअसल पाकिस्तान दौरे से पहले वेंडी शरमन 5 और 6 अक्टूबर को भारत के दौरे पर थीं और इस दौरान उनके द्वारा दिऐ गए बयान पाकिस्तान के सीने में खंजर की तरह तो चुभ ही गए, साथ में वहां के बुद्धिजीवियों ने पाकिस्तान सरकार के अमेरिका के लिए एक तरफा गर्मजोशी दिखाने पर आपत्ति जताई। भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रहे अब्दुल बासित ने कहा कि भारत में वेंडी शरमन की आधिकारिक बातचीत विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला के साथ हुई, फिर उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से फोन पर बात की, लेकिन पाकिस्तान में हमारी तरफ से मुलाकात का स्तर बढ़ जाता है। यहां विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अमेरिकी उप विदेश मंत्री से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि क्यों हम अपने आपको बिछा देते हैं? हमें प्रोटोकॉल का ध्यान रखना चाहिए। 7 और 8 अक्टूबर को वेंडी शरमन ने पाकिस्तान का दौरा पूरा किया था।

अमरीका और पाकिस्तान के बीच व्यापक संबंध नहीं
वेंडी शरमन ने अपने भारत के दौरे के दौरान कहा था कि हम अमरीका और पाकिस्तान के बीच व्यापक संबंध नहीं देखते हैं और भारत और पाकिस्तान को जोड़कर देखने के पुराने दिनों में लौटने का हमारा कोई इरादा नहीं है। हम उस तरफ नहीं जा रहे हैं। हालांकि इससे पहले अमरीका से अच्छे संबंधों की उम्मीद लगाए बैठे पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि पाकिस्तान अमरीका के साथ व्यापक और दूरदर्शी संबंध चाहता है जो केवल अफगानिस्तान के मसले तक ही सीमित न हों। पाकिस्तान आने से पहले ही वेंडी शरमन की संबंधों को सीमित करने वाली बात को पाकिस्तान में गैर-राजनयिक बताया जा रहा है और इसे लेकर नाराजगी भी जाहिर कर रहा है।  साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि पाकिस्तान ने जिस तरह अमरीका को अहमियत दी, अमरीका का व्यवहार उसके अनुरूप नहीं रहा। जबकि वेंडी शरमन ने जोर दिया था कि अफगानिस्तान उनकी मुख्य चिंता है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में क्या चल रहा है ये हमें जानने की जरूरत है। तालिबान को लेकर हमारी सोच एक होनी चाहिए।

भारत सहित सबकी सुरक्षा करने की जरूरत
वेंडी ने कहा कि हमें सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत है जिसमें भारत भी शामिल है। इसलिए मैं विदेश मंत्री एंटी ब्लिंकन की बातचीत को जारी रखते हुए कुछ बहुत विशिष्ट बातचीत करने जा रही हूं। भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रहे अब्दुल बासित ने भी वेंडी शरमन के बयान पर आपत्ति जताई है। अब्दुल बासित ने एक वीडियो में कहा कि वेंडी शरमन ने एक अजीब और गैर-जरूरी बात कह दी कि पाकिस्तान से हमारे ताल्लुकात सतही किस्म के हैं, हम उन्हें बढ़ाना भी नहीं चाहते और न वो बढ़ सकते। उनके साथ मामला अफगानिस्तान की हद तक ही है। भारत और पाकिस्तान का कोई मुकाबला नहीं है। अब्दुल बासित ने कहा कि वह विदेश मंत्रालय की नंबर दो हैं तो उनसे पाकिस्तान आने से पहले ऐसे बयान देने की उम्मीद नहीं हैं। अगर ताल्लुकात में समस्या हो या उतने बेहतर न हो तो भी उसे सरेआम नहीं कहते हैं। कोशिश तो यही होनी चाहिए कि ताल्लुकात में इजाफा हो। इसे न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता।

बुनियादी वजह से है पाक-अमरीका के ताल्लुकात
अब्दुल बासित ने इसे लेकर पाकिस्तान की सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को थोड़ी मजबूत स्थिति में होना चाहिए था लेकिन हम दबाव में हैं। उसकी बुनियादी वजह हमारे अमरीका के साथ ताल्लुकात भी हैं, साथ ही आर्थिक समस्या भी अपनी जगह एक हकीकत है। हालांकि मुलाकात के बाद वेंडी शरमन ने ट्वीट किया, "अफगानिस्तान के भविष्य और अमेरिका-पाकिस्तान के अहम और लंबे समय से चल रहे संबंधों पर चर्चा के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री से मिली। हम क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए निरंतर प्रयास करना चाहते हैं।" वेंडी शरमन ने यह भी कहा कि मैं उप विदेश मंत्री पद संभालने के बाद पाकिस्तान में अपनी पहली यात्रा को लेकर खुश हूं। अमरीका और पाकिस्तान के अहम और लंबे समय से द्विपक्षीय संबंध रहे हैं। हमने तालिबान की उसकी प्रतिबद्धताओं के लिए जिम्मेदारी तय करने को लेकर चर्चा की क्योंकि एक स्थिर और समावेशी अफगानिस्तान हम सब के हित में है जो आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह न बने। उन्होंने यह भी कहा कि अमरीका अफगान शरणार्थियों को लेकर पाकिस्तान के प्रयासों की सराहना करता है।

Anil dev

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