US जाकर नौकरी करने की राह होगी मुश्किल! H-1B वीजा पर बाइडेन प्रशासन ने लिया ये बड़ा फैसला

punjabkesari.in Friday, Jan 06, 2023 - 01:05 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन नीती प्रशासन एच1-बी वीजा के लिए फीस बढ़ाने का प्रस्ताव लेकर आया है। इस प्रस्ताव से सबसे ज्यादा भारतीय पेशेवरों पर प्रभाव पड़ने का अंदेशा है, क्योंकि अब उनको विदेश जाने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे। यूएस सिटीजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) ने प्रस्ताव दिया है कि कि एच-1बी वीजा के लिए आवेदन फीस 460 अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 780 अमेरिकी डॉलर की जाए। इसके अलावा बाइडेन प्रशासन एल-1 कैटेगरी के वीजा के लिए फीस 460 अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 1,385 अमेरिकी डॉलर करने की तैयारी में है को वहीं ओ-1 वीजा के लिए आवेदन शुल्क 460 अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 1,055 अमेरिकी डॉलर करने का प्रस्ताव दिया गया है।

देने पड़ेंगे 1,080 अमरीकी डॉलर
इस प्रस्ताव के बाद अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (डीएचएस) ने कहा कि यूएससीआईएस मुख्य रूप से वीजा के लिए आवेदन करने वाले लोगों के रेवेन्यू पर ही काम करता है। इसलिए दाम बढ़ाने की जरूरत थी। यूएससीआईएस ने तर्क दिया कि नई फीस वृद्धी से इमिग्रेशन एजेंसी अपनी परिचालन लागत पूरी तरह से वसूल पाएगी। डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने बताया है कि फीस बढ़ाने का यह प्रस्ताव 60 दिनों के लिए सार्वजनिक पटल पर रखा जाएगा। उन्होंने कहा अगर कोई इस प्रस्ताव पर सवाल नहीं खड़े करता है तो नियम के मुताबिक एच-2बी वीजा के लिए फीस  460 अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 1,080 अमरीकी डॉलर कर दी जाएगी।

राजस्व में 40 प्रतिशत की कमी
प्रस्तावित बढ़ोतरी को फेडरल रजिस्टर भारतीय राजपत्र के अमेरीकी संस्करण में मंगलवार को डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी द्वारा प्रकाशित किया गया था, जो अमरीकी नागरिकता और आव्रजन सेवाओं की मूल एजेंसी है, जिसे आव्रजन और प्राकृतिककरण अनुरोधों को संसाधित करने का काम सौंपा गया है। एजेंसी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण 2020 में एजेंसी के राजस्व में 40 प्रतिशत की कमी आई है। कम या बिना शुल्क वाले मानवीय कार्यक्रमों की बढ़ती मांग ने इन राजकोषीय चुनौतियों को जोड़ा है।

क्या होता है एच1-बी वीजा?
एच-1B वीजा एक गैर-अप्रवासी वीजा है, इस वीजा के जरिए अमरीकी कंपनियां  विदेशी कर्मचारियों को यूएस बुला सकती हैं। इस वीजा के जरिए अमरीकी टेक कंपनियां ज्यादातर भारतीय और चाइनीज टेक प्रोफेशनल्स को हायर करती हैं और इसी वीजा के जरिए उनको अपने देश बुलाती हैं।


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Content Writer

Anil dev

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