''भारत दो महीने में सॉरी बोलेगा'', टैरिफ पर ट्रंप के मंत्री का बड़बोला बयान
punjabkesari.in Saturday, Sep 06, 2025 - 06:08 AM (IST)

वाशिंगटन:अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने एक विवादित बयान देते हुए कहा है कि भारत को एक-दो महीने के भीतर ट्रम्प प्रशासन के साथ समझौते के लिए गलती स्वीकार करनी पड़ेगी। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो अमेरिका 50% तक भारी टैरिफ लगाएगा और आर्थिक संबंध पर गंभीर संकट आ सकता है।
क्या-क्या कहा लुटनिक ने?
जब भारत ने रूसी तेल खरीदना बढ़ाया, तब से व्यापार संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। लुटनिक ने कहा कि रूस से तेल आयात बढ़ना "गलत और हास्यास्पद" है, और भारत को यह निर्णय करना होगा कि वह किसकी तरफ रहना चाहता है। "शायद भारत शुरू में टकराव पसंद करता है, लेकिन अंत में व्यापारियों का दबाव होगा—वो अमेरिका के साथ समझौता करेंगे।" लुटनिक का अनुमान है कि "एक-दो महीने के भीतर, भारत बातचीत की मेज़ पर लौटेगा, ‘माफ़ी’ बोलेगा, और डील की कोशिश करेगा"।
अमेरिका की तीन शर्तें:
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रूसी तेल की खरीद बंद करें।
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BRICS (रूस-चीन सहयोग) का हिस्सा होना बंद करें।
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अमेरिका के साथ आर्थिक गठबंधन करें।
यदि भारत ऐसा नहीं करता, तो 50% अतिरिक्त टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।
अमेरिका का दावा — वही सही ग्राहक:
लुटनिक ने जोर देकर कहा:“हम दुनिया के सबसे बड़े खरीदार हैं—हमारी अर्थव्यवस्था 30 ट्रिलियन डॉलर की है। आखिरकार ग्राहक हमेशा सही होता है।”
तस्वीर का सार:
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ट्रंप सरकार की कड़ा रुख: भारत पर दबाव बढ़ा रहा है कि वह या तो अमेरिका के साथ साझेदारी करे, या फिर भारी आर्थिक कीमत चुकाए।
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टैरिफ वार का खतरा: यदि देश ने स्थिति नहीं बदली, तो भारी शुल्क लागू हो सकता है—जिसका असर निर्यात, खासतौर पर कृषि, कपड़ा, फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स पर पड़ेगा।
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राजनीतिक रणनीति: लुटनिक ने स्पष्ट संकेत दिया कि आर्थिक भागीदारी में 'सज्जनता' ही निर्णय करेगा, और वह देश का ग्राहक बनकर ही बच सकता है।
हम देखेंगे कि भारत इस चुनौती का सामना कैसे करता है—क्या वह बिना समझौता किए अपनी स्वतंत्र नीति बनाए रखता है, या व्यापार और राजनीतिक संतुलन के लिए रणनीतिक बदलाव करता है?