भारत का बड़ा कदम, संयुक्त राष्ट्र में डेटा विज्ञान समिति का हिस्सा बना
punjabkesari.in Sunday, Jan 12, 2025 - 03:46 PM (IST)
नई दिल्ली: भारत अब संयुक्त राष्ट्र की उस विशेषज्ञ समिति का हिस्सा बन गया है, जिसका उद्देश्य बड़े डेटा और डेटा विज्ञान के उपयोग से विकास लक्ष्यों की निगरानी और रिपोर्टिंग क्षमता को बेहतर बनाना है। यह समिति बड़े डेटा से जुड़ी लाभ-हानि और चुनौतियों का अध्ययन करती है।
समिति में शामिल होना एक महत्वपूर्ण कदम
भारत का इस समिति में शामिल होना एक महत्वपूर्ण कदम है, खासकर जब देश ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी परिषद की सदस्यता भी प्राप्त की है। इस समिति में भारत की भागीदारी देश के सांख्यिकी क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
सरकारी बयान के अनुसार, "यह कदम वैश्विक सांख्यिकी समुदाय में भारत के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है और यह संकेत देता है कि भारत डेटा और प्रौद्योगिकी के माध्यम से बेहतर निर्णय लेने की दिशा में प्रतिबद्ध है।" इस समिति में भारत की उपस्थिति डेटा नवाचार प्रयोगशाला की स्थापना, उपग्रह इमेजरी और मशीन लर्निंग जैसे नए डेटा स्रोतों के उपयोग में अग्रणी पहलुओं को उजागर करेगी।
भारत का डेटा और प्रौद्योगिकी में योगदान
यहां कहा गया कि भारत को इस वैश्विक मंच पर योगदान देने का अवसर मिलना उसे एक प्रमुख डेटा खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगा। भारत का यह कदम डेटा विज्ञान और बड़े डेटा के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ अपनी प्रगति को जोड़ने और अपनी योजनाओं का प्रभावी ढंग से प्रसार करने के लिए एक रणनीतिक मौका है।
इसमें यह भी बताया गया कि बड़े डेटा और उन्नत डेटा विज्ञान तकनीकों के उपयोग से आधिकारिक सांख्यिकी उत्पादन और प्रसार में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता है। भारत इंटरनेट ऑफ थिंग्स, सैटेलाइट इमेजरी, और निजी क्षेत्र के डेटा जैसे नए स्रोतों को शामिल करके अपनी सांख्यिकी प्रणाली को आधुनिक बनाने और अधिक सटीक अनुमानों को प्राप्त करने का लक्ष्य रखता है। इसका उद्देश्य नीति निर्माण और शासन के लिए महत्वपूर्ण डेटा को समय पर उपलब्ध कराना है।