व्यापार युद्ध में चीन ने खोले कई पत्ते, अमेरिकी अर्थव्यवस्था को भारी झटका!
punjabkesari.in Monday, Apr 14, 2025 - 06:51 PM (IST)

Washington: अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध एक नए मोड़ पर पहुंच चुका है। जबकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों पर शुल्क बढ़ाने का फैसला लिया था, चीन ने इसका कड़ा जवाब दिया है। 2025 में, ट्रंप ने चीनी वस्तुओं पर शुल्क बढ़ाकर 125% कर दिया। ट्रंप का कहना था कि यह कदम चीन की ओर से वैश्विक बाजार के प्रति सम्मान की कमी के कारण उठाया गया था। हालांकि, अमेरिका के अन्य व्यापार साझेदारों ने इस पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन चीन ने तुरंत और ठोस कदम उठाए, जिससे दोनों देशों के बीच एक उच्च-तीव्रता वाले व्यापार गतिरोध की स्थिति उत्पन्न हो गई।
चीन के पास अब कई ऐसे शक्तिशाली विकल्प हैं जिनसे वह अमेरिका के खिलाफ अपनी रणनीति को सफल बना सकता है। 2018 में जब अमेरिका ने पहली बार चीन पर शुल्क बढ़ाए थे, तब चीन की अर्थव्यवस्था को खासा नुकसान हुआ था, खासकर उसके निर्यात-निर्भर निर्माताओं को। लेकिन अब चीन की स्थिति पहले से कहीं बेहतर है। 2018 में अमेरिका को चीन के कुल निर्यात का 19.8% हिस्सा जाता था, जबकि 2023 में यह गिरकर 12.8% हो गया है। इससे चीन की घरेलू अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने के अवसर मिले हैं, और चीन को लगता है कि वह अमेरिका को उतना ही नुकसान पहुंचा सकता है जितना अमेरिका उसे पहुंचा सकता है।
चीन का आर्थिक गणित
चीन की अर्थव्यवस्था अब घरेलू मांग को बढ़ाने की ओर बढ़ रही है, जबकि पहले वह निर्यात-संचालित थी। चीन ने अपनी घरेलू बाजार की स्थिति को मजबूत करने के लिए अपनी रणनीतियों को तेज किया है, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था को भी फायदा हो सकता है। इसके अलावा, चीन यह भी समझता है कि वह अमेरिकी आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए महत्वपूर्ण बना हुआ है। भले ही अमेरिका ने चीन से आयात को कम किया है, लेकिन वह अभी भी चीन द्वारा निर्मित घटकों और कच्चे माल पर निर्भर है।
चीन के प्रतिशोध के विकल्प
चीन के पास कई ऐसे रणनीतिक उपकरण हैं जिनका वह उपयोग अमेरिका के खिलाफ कर सकता है। इनमें से एक है दुर्लभ मृदा तत्व (रेयर अर्थ एलिमेंट), जो सैन्य और उच्च तकनीक उद्योगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। चीन दुनिया का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है और लगभग 72% दुर्लभ मृदा तत्वों की आपूर्ति करता है। चीन ने अमेरिका की प्रमुख कंपनियों को अपनी निर्यात नियंत्रण सूची में डाला, जिससे इन कंपनियों की स्थिति पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा, चीन के पास अमेरिका के कृषि उत्पादों, जैसे कि सोयाबीन और पोल्ट्री, पर दबाव डालने की क्षमता भी है। अमेरिका के सोयाबीन निर्यात का लगभग आधा हिस्सा चीन द्वारा आयात किया जाता है, और पोल्ट्री निर्यात का लगभग 10% हिस्सा चीन पर निर्भर करता है। चीन ने मार्च 2023 में अमेरिकी सोयाबीन निर्यातकों से आयात की मंजूरी को रद्द कर दिया, जिससे अमेरिकी किसानों पर असर पड़ा।
अमेरिका के खिलाफ चीन की रणनीति
चीन का मानना है कि अमेरिका चीनी वस्तुओं पर अपनी निर्भरता को आसानी से खत्म नहीं कर सकता। उदाहरण के लिए, जबकि अमेरिका चीन से कम सामान आयात करता है, वह तीसरे देशों से आयात किए जाने वाले कई सामानों के लिए चीन के घटकों या कच्चे माल पर निर्भर है। इसके अलावा, चीन के पास अमेरिकी कंपनियों पर विनियामक दबाव बनाने का विकल्प भी है, विशेष रूप से उन कंपनियों पर जो चीन में विनिर्माण करती हैं, जैसे कि एप्पल और टेस्ला।
चीन का रणनीतिक अवसर
बीजिंग का मानना है कि ट्रंप द्वारा की गई व्यापार नीति से उसे एक रणनीतिक अवसर मिल सकता है, खासकर एशिया के भू-राजनीतिक परिदृश्य में। 2023 में, चीन ने जापान और दक्षिण कोरिया के साथ अपनी आर्थिक वार्ता को बढ़ाया और त्रिपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते को आगे बढ़ाने का प्रयास किया। यह कदम चीन को एक मजबूत क्षेत्रीय शक्ति बनाने में मदद कर सकता है। चीन ने हाल ही में मलेशिया, कंबोडिया और वियतनाम के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करने के लिए यात्रा की, जहां अमेरिकी शुल्कों का असर पड़ा था।
अमेरिका की डॉलर नीति पर असर
चीन ट्रंप की व्यापार नीति को अमेरिका के डॉलर की अंतरराष्ट्रीय स्थिति को कमजोर करने के रूप में भी देखता है। शुल्कों के कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था में निवेशकों का विश्वास कम हुआ है, जिससे डॉलर के मूल्य में गिरावट आई है। अब कई देशों ने डॉलर और अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड के प्रति अपना विश्वास खो दिया है। इससे चीन को यह उम्मीद है कि वह अपनी रणनीति के तहत वैश्विक व्यापार में अपनी स्थिति को और मजबूत कर सकता है।