इमरान के सामने ये है सबसे बड़ी चनौती, क्या संभाल पाएंगे काटों भरा ताज

punjabkesari.in Tuesday, Jul 31, 2018 - 04:38 PM (IST)

पेशावर: पाकिस्तान के सामने जर्जर अर्थव्यवस्था के चलते एक कड़ी चुनौती खड़ी है। वैश्विक वित्तीय संस्थाओं का दावा है कि यदि पाकिस्तान में बनने वाली नई सरकार तत्काल कोई ठोस कदम नहीं उठाती तो आॢथक हालात बेकाबू हो सकते हैं। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ  पार्टी पाकिस्तान नैशनल असैंबली में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है और कयास लग रहा है कि पाकिस्तान की नई सरकार इमरान खान के नेतृत्व में बनने जा रही है। ऐसा हुआ तो पाकिस्तान की सत्ता इमरान खान के लिए कांटों भरा ताज साबित होने जा रहा है।
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कम से कम पाकिस्तान की मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए ऐसा कहा जा सकता है। पाकिस्तान के सामने असंख्य आॢथक चुनौतियां खड़ी हैं लेकिन पी.एम.एल.-एन. की पूर्व सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान देश में आर्थिक गतिविधियों को तेजी देने में विफलता पाई है। यह विफलता पाकिस्तान की आॢथक चुनौतियों को अधिक विकट कर देती है क्योंकि पूर्व सरकार के कार्यकाल के दौरान वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें अपने न्यूनतम स्तर पर रहीं। इसके अलावा वैश्विक स्तर पर ब्याज दर बेहद नीचे रही और पाकिस्तान की सरकार इन दोनों राहत के बावजूद अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में विफल हो गई।
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इसी विफलता के चलते अब इमरान खान को वसीयत में पाकिस्तान का वह खजाना संभालने के लिए दिया जा सकता है जो दोनों विदेशी और घरेलू कर्ज के बोझ से दबा हुआ है। इसके अलावा असंतुलित व्यापार के चलते पाकिस्तान के सामने एक गंभीर बैलेंस ऑफपेमैंट की समस्या खड़ी है जिसे संभालना नई सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकता है।  
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वहीं आई.एम.एफ. बेलआऊट का खत्म होता विदेशी मुद्रा भंडार, चालू खाता और ट्रेड घाटा नई सरकार के नए वित्त मंत्री के लिए बड़ी चुनौती साबित होगा। गौरतलब है कि दिसम्बर, 2017 से लेकर इस साल मध्य जुलाई, 2018 तक स्टेट बैंक ऑफ  पाकिस्तान ने 4 बार विमुद्रीकरण कर पाकिस्तानी रुपए की डॉलर के मुकाबले कीमत 21 फीसदी गिरा दी ताकि निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके।


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Isha

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