Muslim Prayer: इस देश में जुमे की नमाज़ न पढ़ना बना जुर्म, होगी इतने साल की जेल और लगेगा भारी जुर्माना

punjabkesari.in Wednesday, Aug 20, 2025 - 10:40 AM (IST)

नेशनल डेस्क। मलेशिया का एक राज्य तेरेंगानु इन दिनों एक नए और सख्त कानून को लेकर चर्चा में है। यहां की पैन-मलेशियाई इस्लामिक पार्टी (PAS) की सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है जिसके तहत अगर कोई मुस्लिम पुरुष बिना किसी ठोस कारण के जुमे की नमाज छोड़ता है तो उसे दो साल तक की जेल और 3,000 रिंगित (लगभग ₹61,780) तक का जुर्माना हो सकता है।

क्यों लाया गया है यह कानून?

राज्य के सूचना उपदेश और शरिया सशक्तिकरण मंत्री मुहम्मद खलील अब्दुल हादी के अनुसार इस कानून का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि जुमे की नमाज को सिर्फ एक धार्मिक रस्म नहीं बल्कि अल्लाह के प्रति अपनी आज्ञाकारिता के तौर पर देखा जाए।

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इससे पहले तेरेंगानु में सिर्फ लगातार तीन बार नमाज छोड़ने पर ही सजा का प्रावधान था लेकिन अब नए संशोधन के बाद एक बार नमाज न पढ़ने पर भी कार्रवाई की जाएगी।

राजनीतिक मायने और विवाद

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बदलाव आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर किया गया है। PAS पार्टी खुद को इस्लाम का सबसे बड़ा रक्षक बताकर वोटरों को आकर्षित करना चाहती है। तेरेंगानु की 12 लाख आबादी में 99% से ज़्यादा लोग मलय मुसलमान हैं। 2022 के चुनावों में PAS ने यहां की सभी 32 विधानसभा सीटें जीतकर विपक्ष को पूरी तरह खत्म कर दिया था।

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वहीं इस फैसले ने देश में बहस छेड़ दी है। मलेशियाई वकील अजीरा अजीज ने इस कानून को कुरान की शिक्षा के खिलाफ बताया है जिसमें कहा गया है कि धर्म में कोई जबरदस्ती नहीं है। उन्होंने कहा कि जागरूकता और शिक्षा से लोगों को मस्जिद जाने के लिए प्रेरित किया जा सकता है न कि कानून से।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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