'पेरिस समझौते पर अमरीका को भारत, फ्रांस या चीन से पूछने की जरूरत नहीं'

punjabkesari.in Monday, Jun 05, 2017 - 05:48 PM (IST)

वॉशिंगटन: संयुक्त राष्ट्र में अमरीका की राजदूत निकी हेली ने पेरिस समझौते से अमरीका का नाम वापस लेने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विवादित फैसले का पूरा समर्थन करते हुए कहा है कि पेरिस जलवायु समझौते के मुद्दे पर क्या करना चाहिए, अमरीका को यह भारत, चीन और फ्रांस से पूछने की जरूरत नहीं है।  


दुनिया के 190 से ज्यादा देशों ने किए समझौते पर हस्ताक्षर
चीन के बाद दूसरे सबसे बड़े प्रदूषक अमरीका ने पिछले सप्ताह पेरिस समझौते से अपना नाम वापस ले लिया था। हेली ने कहा कि वर्ष 2015 के पेरिस समझौते के तहत अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए भारत को चीन के साथ अरबों डॉलर मिलेंगे और उन्हें अमरीका की तुलना में आर्थिक लाभ मिलेगा। ट्रंप के इस कदम के साथ ही अमरीका दो अन्य देशों- सीरिया और निकारागुआ- के साथ जा खड़ा हुआ है। इन दोनों देशों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं जबकि दुनिया के 190 से ज्यादा देश इसपर हस्ताक्षर कर चुके हैं।  


भारत, फ्रांस और चीन न सिखाए प्रदूषण काबू करने के तरीके
सीबीएस न्यूज ने भारतीय-अमरीकी हेली के हवाले से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि बाकी दुनिया हमें बताना चाहेगी कि हम अपने पर्यावरण का प्रबंधन कैसे करें और मुझे लगता है कि अमरीका में कोई भी व्यक्ति आपको बता सकता है कि अमरीका को क्या करना चाहिए, इसका फैसला करने के लिए हम सर्वश्रेष्ठ हैं।हमें भारत, फ्रांस और चीन से यह पूछने की जरूरत नहीं है कि उनके अनुसार हमें क्या करना चाहिए।’’ ट्रंप के फैसले पर वैश्विक प्रतिक्रिया से जुड़े सवाल के जवाब में हेली ने कहा कि देशों को वह काम करना जारी रखना चाहिए, जो उनके सर्वश्रेष्ठ हित में है।  उन्होंने कहा,‘‘उन्हें वह काम जारी रखना चाहिए, जो उनके सबसे ज्यादा हित में है। यदि उनके लिए पेरिस समझौता कारगर रहा है तो उन्हें यह करना चाहिए।’’ 


ट्रंप के फैसले का बचाव करते हुए हेली ने कहा कि पेरिस जलवायु समझौता जिस तरह के नियम लगाता है, उनके तहत कारोबार नहीं चलाया जा सकता। हेली ने कहा,‘‘ट्रंप मानते हैं कि जलवायु बदल रही है और उनका मानना है कि प्रदूषक इस समीकरण का हिस्सा हैं। निश्चित तौर पर वह स्वच्छ हवा, स्वच्छ जल सुनिश्चित करना चाहते हैं ताकि यह सुनिश्चित कर सकें कि पर्यावरण के मामले में विश्व में अमरीका को नैतिक दिशासूचक बनाए रखने के लिए हम सब कुछ कर रहे हैं।’’


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News