डर के आगे जीत: महिला गाइड ने तालिबानी पाबंदियों को दी चुनौती, ऑस्ट्रेलियाई पर्यटक बनीं गवाह

punjabkesari.in Wednesday, Jul 30, 2025 - 06:40 PM (IST)

International Desk: अफगानिस्तान में तालिबान शासन के सख्त प्रतिबंधों के बावजूद महिलाएं उम्मीद और हिम्मत की नई मिसाल पेश कर रही हैं। काबुल के राष्ट्रीय संग्रहालय में महिला गाइड सोमाया मोनिरी विदेशी महिला पर्यटकों के समूह को न सिर्फ ऐतिहासिक धरोहरों की कहानी सुना रही हैं, बल्कि अफगान समाज के उस चेहरे को भी दुनिया के सामने ला रही हैं जिसे युद्ध और कट्टरपंथी फैसलों ने दबा रखा है।

 

सोमाया की कहानी 
24 वर्षीय सोमाया मोनिरी को कभी नहीं पता था कि ‘टूरिस्ट गाइड’ जैसा कोई पेशा भी होता है। अंग्रेजी सुधारने के लिए इंटरनेट पर जानकारी तलाशते हुए उन्हें काउचसर्फिंग ऐप मिला, जिससे विदेशी यात्री स्थानीय परिवारों से जुड़ते हैं। यहीं से सोमाया ने पहली बार एक विदेशी महिला पर्यटक को अपने शहर की सैर कराई और फिर यह उनका जुनून बन गया। सोमाया कहती हैं, "हमने अपने देश के बारे में हमेशा नकारात्मक बातें ही सुनीं। लेकिन अफगानिस्तान की खूबसूरती और संस्कृति का एक अलग चेहरा भी है जिसे मैं दिखाना चाहती हूं।"
 
तालिबान के सख्त नियमों के चलते सोमाया सिर्फ महिलाओं के लिए टूर आयोजित करती हैं और खुद भी एक महिला गाइड के तौर पर उन्हें लीड करती हैं। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया की 82 वर्षीय सुजैन सैंड्राल ने decades पुराना सपना पूरा किया और सोमाया के ग्रुप के साथ काबुल पहुंचीं। सुजैन ने कहा, "यहां लोगों ने जिस तरह अपनापन दिया, वो दिल को छू लेने वाला है।" इसी तरह, शिकागो की स्वतंत्र यात्री जैकी बिरोव ने भी अफगानों की मेहमाननवाजी की तारीफ की।

 

उन्होंने कहा, "मुझे अच्छी तरह पता है कि मैं यहां की महिलाओं के मुकाबले कहीं ज्यादा आजाद हूं, लेकिन यहां के लोग दिल से बड़े हैं।" तालिबान ने भले ही लड़कियों की पढ़ाई और महिलाओं के काम पर सख्त रोक लगाई हो, लेकिन सोमाया जैसी युवतियां देश के लिए उम्मीद की नई किरण बन गई हैं। सोमाया चाहती हैं कि दुनिया अफगानिस्तान को सिर्फ युद्ध, तालिबान या आतंकी हमलों से न पहचाने, बल्कि उसकी खूबसूरती, इतिहास और संस्कृति को भी जाने।


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Content Writer

Tanuja

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