कैंसर से जंग हारे कनाडा के मशहूर हॉकी खिलाड़ी, 78 साल की उम्र में हुआ निधन
punjabkesari.in Saturday, Sep 06, 2025 - 11:18 AM (IST)

नेशनल डेस्क: कनाडा के महान हॉकी खिलाड़ी और हॉल ऑफ फेम में शामिल रहे केन ड्राइडन का 78 साल की उम्र में निधन हो गया है। कैंसर से जंग लड़ते- लड़ते वे इस दुनिया को अलविदा कह गए। ड्राइडन को 1970 के दशक में मॉन्ट्रियल कैनेडियंस टीम के लिए गोलकीपर के तौर पर उनकी शानदार भूमिका के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपने करियर में छह स्टेनली कप जीते और 1972 की समिट सीरीज में कनाडा को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
करियर की शुरुआत
ओंटारियो के हैमिल्टन में 8 अगस्त 1947 को जन्मे ड्राइडन को 1964 में बोस्टन ब्रुइन्स ने एनएचएल ड्राफ्ट में 14वें नंबर पर चुना था। बाद में वह मॉन्ट्रियल कैनेडियंस टीम में शामिल हो गए। मार्च 1971 में उन्होंने अपना पहला मैच खेला और उसी साल अपनी टीम को स्टेनली कप जिताने में मदद की। इस शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें कॉन स्मिथ ट्रॉफी से भी सम्मानित किया गया। 1971-72 में उन्होंने रूकी ऑफ द ईयर का काल्डर ट्रॉफी पुरस्कार जीता।
1972 की ऐतिहासिक समिट सीरीज
ड्राइडन के करियर का सबसे यादगार पल 1972 की समिट सीरीज थी, जो कनाडा और सोवियत संघ के बीच हुई थी। यह सीरीज शीत युद्ध के दौरान दोनों देशों के बीच तनाव को दर्शाती थी। सीरीज के महत्वपूर्ण मैचों में ड्राइडन ने गोलकीपिंग की जिम्मेदारी संभाली और अपनी टीम को जीत तक पहुंचाया। उन्होंने मॉस्को में हुए छठे मैच में 3-2 की जीत में अहम भूमिका निभाई और पॉल हेंडरसन के ऐतिहासिक गोल के साथ कनाडा ने सीरीज 6-5 से जीती।
एक बहुआयामी व्यक्तित्व
हॉकी के अलावा ड्राइडन ने कई क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने अपने करियर के टॉप पर रहते हुए 30 की उम्र में ही हॉकी से संन्यास ले लिया था। वह एक सफल वकील, लेखक, राजनीतिज्ञ और एनएचएल के कार्यकारी अधिकारी भी थे। उनकी पुस्तक "द सीरीज: व्हाट आई रिमेंबर, व्हाट इट फेल्ट लाइक, व्हाट इट फील्स लाइक नाउ" में उन्होंने 1972 की सीरीज के अनुभवों को विस्तार से बताया है।