यूरोपीय संघ ने पाकिस्तान में पत्रकारों के हालात पर जताई चिंता

punjabkesari.in Thursday, Aug 12, 2021 - 02:20 PM (IST)

इस्लामाबाद: यूरोपीय संघ ने पाकिस्तान में पत्रकारों की हिंसा, धमकी, अपहरण और हत्या की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई है और कहा है कि यह हाल के वर्षों में मीडिया की स्वतंत्रता में "स्पष्ट, नकारात्मक प्रवृत्ति" का संकेत  है।  जियो टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक   विदेश मामलों और सुरक्षा नीति की प्रवक्ता नबीला मसराली ने मंगलवार को कहा कि इससे पाकिस्तान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के समग्र माहौल पर हानिकारक और विदेशों में पाकिस्तान की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।  मासराली ने कहा कि यूरोपीय संघ भी व्यापक और व्यवस्थित उत्पीड़न के बारे में चिंतित है।

 

विशेष रूप से महिला पत्रकारों के लिए  जिनका अपमानजनक भाषा और हिंसक धमकियों सहित समन्वित अभियानों के माध्यम से उत्पीड़न किया जा रहा है । जियो टीवी के अनुसार प्रवक्ता ने कहा कि यूरोपीय संघ सक्रिय रूप से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के महत्व और पाकिस्तान सहित दुनिया भर के पत्रकारों की सुरक्षा की आवश्यकता की वकालत करता है। मासराली ने कहा कि 3 नवंबर 2020 को विदेश मंत्री कुरैशी के साथ पांचवें यूरोपीय संघ-पाकिस्तान रणनीतिक वार्ता में  (विदेश मामलों और सुरक्षा नीति के लिए संघ के उच्च प्रतिनिधि) जोसेप बोरेल ने पाकिस्तान में अभिव्यक्ति और मीडिया की स्वतंत्रता पर चिंता जताई थी ।

 

इससे पहले जून में, तीन अंतरराष्ट्रीय अधिकार समूहों ने पाकिस्तान में पत्रकारों पर हाल के हमलों और इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों पर बढ़ते दबाव पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी। पजवोक अफगान न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार  ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू), एमनेस्टी इंटरनेशनल और इंटरनेशनल कमिशन ऑफ ज्यूरिस्ट्स ने आपराधिक जिम्मेदारी के संदिग्ध लोगों के खिलाफ त्वरित मुकदमा चलाने का आह्वान किया। पिछले महीने पाकिस्तान की राजधानी में देश की  आलोचना के लिए जाने जाते इस्लामाबाद के पत्रकार असद अली तूर पर हमला किया गया था ।

 

हमलावरों ने उनके घर में घुसकर उन पर बेरहमी से हमला किया था। पिछले साल अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर "राज्य संस्थानों को बदनाम करने" पर टिप्पणियों के लिए तूर पर देशद्रोह का आरोप लगाया था। पझवोक अफगान न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार  एक अदालत ने बाद में आरोपों को खारिज कर दिया। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स (आईएफजे) ने 'वैश्विक पत्रकारिता पर श्वेत पत्र' में पाकिस्तान सहित पांच देशों को 'दुनिया में पत्रकारिता के अभ्यास के लिए सबसे खतरनाक देश' के रूप में सूचीबद्ध किया है। बता दें कि 1990 से पाकिस्तान में 138 पत्रकार मारे गए थे। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Tanuja

Recommended News

Related News