Earthquake Alert: यहां आने वाला है जबरजस्त भूकंप, जमकर होगी तबाही, हुई बड़ी भविष्यवाणी!

punjabkesari.in Monday, Apr 07, 2025 - 09:59 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: वैज्ञानिकों ने पृथ्वी की घूमने की गति और भूकंप के बीच गहरा रिश्ता खोज निकाला है। बीजिंग भूकंप एजेंसी के वरिष्ठ वैज्ञानिक झू होंगबिन और उनकी टीम ने 150 वर्षों के भूकंपीय डेटा का विश्लेषण कर बताया है कि आने वाले समय में चीन और हिमालयी क्षेत्र में 8.0 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आ सकता है। यह स्टडी 20 मार्च 2025 को Journal of Geodesy and Geodynamics में प्रकाशित हुई है।

LOD यानी ‘Length of Day’ है सबसे बड़ा संकेत

वैज्ञानिकों ने पाया कि भूकंप का एक नया कारण पृथ्वी की रोटेशन स्पीड में हो रहा माइक्रोसेकंड स्तर पर बदलाव है, जिसे LOD (Length of Day) कहा जाता है। यह समय होता है जब पृथ्वी अपनी धुरी पर एक बार घूमती है। जब-जब यह समय घटा या बढ़ा है, तब-तब धरती के अंदर का तनाव बढ़ा है, जिससे भूकंप की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।

तीन बड़े क्षेत्रों पर खतरे की घंटी

वैज्ञानिकों ने स्टडी में तीन सबसे संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित किया है:

  1. सिचुआन (चीन): जहां 2008 में तबाही मचाने वाला भूकंप आया था

  2. युन्नान (चीन): चीन का सबसे संवेदनशील भूकंपीय क्षेत्र

  3. हिमालयी बेल्ट (भारत-नेपाल-भूटान): जहां भविष्य में बड़ा भूकंप आ सकता है

इन क्षेत्रों में टेक्टोनिक प्लेट्स के बीच तेजी से बढ़ता तनाव किसी भी समय बड़ा खतरा पैदा कर सकता है।

लोंगमेंशन फॉल्ट बन रहा है विनाश की जड़

विशेष रूप से चीन के सिचुआन क्षेत्र में मौजूद लोंगमेंशन फॉल्ट लाइन पर दबाव बहुत तेजी से बढ़ रहा है। यही फॉल्ट 2008 के विनाशकारी भूकंप का कारण था।
अब GPS डेटा यह दिखा रहा है कि भारत की टेक्टोनिक प्लेट उत्तर दिशा में तेज गति से इस फॉल्ट पर दबाव बना रही है, जिससे आने वाले समय में पूर्वी हिमालयी क्षेत्र में तबाही मच सकती है।

भारत के लिए कितना बड़ा खतरा?

भारत का उत्तर-पूर्वी हिस्सा, खासकर उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश और नेपाल सीमा पहले से ही सबसे खतरनाक भूकंपीय जोन-5 में आते हैं।
अगर चीन या हिमालयी बेल्ट में बड़ा भूकंप आता है तो इसका सीधा असर भारत पर पड़ सकता है। ज़रूरत है कि भारत भूकंप रोधी इंफ्रास्ट्रक्चर को जल्द से जल्द अपनाए और AI आधारित अलर्ट सिस्टम को मजबूत बनाए।

क्या धरती ‘Seismic Supercycle’ में प्रवेश कर रही है?

भूगर्भ विशेषज्ञों का मानना है कि धरती हर कुछ वर्षों में एक ‘Seismic Supercycle’ में प्रवेश करती है, जहां कई भयंकर भूकंप एक साथ आते हैं।

  • 2004 में इंडोनेशिया में 9.1 तीव्रता

  • 2010 में हैती में 7.0 तीव्रता

  • 2011 में जापान में 9.0 तीव्रता

अब जब चीन, नेपाल, म्यांमार और भारत के आसपास की गतिविधि बढ़ रही है तो ऐसा लग रहा है कि हम फिर एक विनाशकारी चक्र की ओर बढ़ रहे हैं।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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