अमेरिका में साल्मोनेला का प्रकोपः कैलिफोर्निया में कच्चा दूध से दर्जनों लोग बीमार

punjabkesari.in Thursday, Jul 11, 2024 - 11:50 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिका में एक बार फिर साल्मोनेला का प्रकोप बढ़ गया है। ताजा मामला  कैलिफोर्निया का जहां  कच्चा दूध पीने  से दर्जनों  लोग साल्मोनेला संक्रमण के शिकार हो गए । कच्चे दूध से कई साल्मोनेला बीमारियाँ जुड़ी हुई हैं, जो पहले ज्ञात प्रकोप से कहीं अधिक व्यापक है। रिकॉर्ड के अनुसार, फरवरी तक, फ्रेस्नो, कैलिफोर्निया के रॉ फार्म से उत्पादों से जुड़े साल्मोनेला संक्रमण से कम से कम 165 लोग बीमार हो गए थे। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, यह पिछले दशक में अमेरिका में कच्चे दूध से जुड़ा सबसे बड़ा साल्मोनेला प्रकोप है।इस प्रकोप के आकार का खुलासा तब हुआ है जब स्वास्थ्य अधिकारियों ने अमेरिकी डेयरी गायों में फैल रहे बर्ड फ्लू वायरस के कारण लोगों को बिना पाश्चुरीकृत दूध से बचने की चेतावनी दी ।

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बर्ड फ्लू, जिसे टाइप ए एच5एन1 के रूप में जाना जाता है, 140 से अधिक अमेरिकी डेयरी झुंडों में पाया गया है, और संघीय स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि कच्चे दूध में उच्च स्तर पर वायरस पाया गया है।राज्य और स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने अक्टूबर से साल्मोनेला प्रकोप के पूरे दायरे के बारे में जनता को अपडेट नहीं किया था, जब सैन डिएगो के अधिकारियों ने लगभग एक दर्जन मामलों की सूचना दी थी। उस समय, रॉ फ़ार्म ने 11 अक्टूबर और 6 नवंबर के बीच बेचे गए दूध और भारी क्रीम को स्वैच्छिक रूप से वापस मंगाने का आदेश जारी किया था।दस्तावेजों में कहा गया है कि जांचकर्ताओं ने बीमार लोगों के नमूनों का मिलान फ़ार्म और एक खुदरा स्टोर के नमूनों से किया। जिन लोगों से साक्षात्कार किया गया, उनमें से 60% से अधिक लोगों ने पुष्टि की कि उन्होंने रॉ फ़ार्म उत्पादों का सेवन किया था। चार राज्यों के लोग संक्रमित थे, हालांकि अधिकांश 162 कैलिफ़ोर्निया से थे। दस्तावेजों में कहा गया है कि साल्मोनेला से पीड़ित चार लोग कैम्पिलोबैक्टर और/या खतरनाक ई. कोली बैक्टीरिया से भी संक्रमित थे।

 

क्या है साल्मोनेला इंफेक्शन ?
साल्मोनेला इंफेक्शन नॉर्मल बैक्टीरियल इंफेक्शन ही है जो हमारी आंतों को प्रभावित करता है। ये बैक्टीरिया मनुष्य और जानवरों की आंतों में रहता है जो संक्रमित व्यक्ति के मल के जरिए फैलता है। साल्मोनेला बैक्टीरिया से संक्रमित पानी पीने या खाना खाने से लोग इसका शिकार हो जाते हैं। छोटे बच्चों और बुजुर्गों में इस बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है। साल्मोनेला इंफेक्शन  कच्चा मीट, सीफूड,  कच्चा अंडा,  फल व सब्जियां खाने से होता है।   एक्सपर्ट के अनुसार, शौचालय का इस्तेमाल करने या बेबी डायपर बदलने के बाद हाथ ठीक से न धोने की वजह से भी साल्मोनेला संक्रमण फैल सकता है। तो इस बात का खासतौर से ध्यान रखें।

 

साल्मोनेला  के लक्षण व  इलाज
इसके लक्षण नजर आने में कुछ घंटे से लेकर दो से तीन दिन तक का वक्त लग सकता है। कुछ साल्मोनेला इंफेक्शन टायफाइड फीवर की वजह भी बन सकते हैं।  उल्टी होना, सिरदर्द,  बुखार, मल में खून आना, ठंड लगना,  पेट के निचले हिस्से में दर्द आदि हो सकते हैं। वैसे कुछ लोगों में कई बार लक्षण नजर भी नहीं आते।

 

  •  इस इंफेक्शन में मरीज के शरीर में पानी की बहुत ज्यादा कमी हो जाती है तो इलाज के दौरान ज्यादा से ज्यादा लिक्विड्स दें खासतौर से इलेक्ट्रोलाइट।
  •  मल नहीं आ रहा या दस्त होने पर डॉक्टर जरूरी दवाएं देते हैं।
  •  पेट में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है तो इसके लिए भी डॉक्टर दवाइयों से ही उपचार करते हैं।
  •  इंफेक्शन की वजह से इम्युनिटी कमजोर होने पर डॉक्टर एंटीबायोटिक्स लेने की सलाह देते हैं। 

 


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Content Writer

Tanuja

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