इन 2 ग्रहों पर होती है बेशकीमती हीरों की बारिश !

punjabkesari.in Saturday, Aug 26, 2017 - 04:39 PM (IST)

बर्लिनः सुनने में शायद ये बात मुमकिन न लगे लेकिन  यह सच है कि कि सौर मंडल के दो ग्रहों में हीरों की बारिश होती है। यह दावा करते हुए वैज्ञानिकों ने कहा है कि यूरेनस और नेप्च्यून में पानी नहीं, बहुमूल्य रत्न हीरे की बारिश होती है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि इन दोनों ग्रहों के अंदरूनी भाग में बहुत अधिक दबाव होता है, जिसकी वजह से हाइड्रोजन और कार्बन के बॉन्ड टूट जाते हैं। इसी वजह से हीरों की बरसात होती है। नेप्चयून पृथ्वी से 17 गुणा और यूरेनस 15 गुना बड़ा है। विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले हजार सालों से ये हीरे धीरे-धीरे इन ग्रहों की बर्फीली सतह पर जमा हो रहे हैं। इन दोनों ग्रहों की संरचना पृथ्वी से काफी अलग है। इन ग्रहों पर हाइड्रोजन और हीलियम जैसी गैसों का दबदबा है।

वैज्ञानिकों का मानना है कि इन ग्रहों के भीतरी भाग यानी सतह से लगभग 6200 मील अंदर अत्यधिक दबाव होता है। यही वजह है कि इन ग्रहों पर हीरे की बारिश होती है। हाल ही में एक प्रयोग ने इन ग्रहों पर हीरे की बारिश होने की पुष्टि भी की है।वैज्ञानिकों की टीम ने इस प्रयोग के लिए कार्बन और हाइड्रोजन से बने प्लास्टिक पॉलिस्टरीन (Polystyrene) को चुना। इसके बाद लेजर की मदद से इस पर उतना दबाव दिया गया, जितना आमतौर पर इन ग्रहों के अंदरूनी हिस्सों में पाया जाता है।

उन्होंने 9000 डिग्री फारेनाइट तापमान और 150 गीगा पास्कल दबाव में इसे रखा, तो पाया कि कार्बन और हाइड्रोजन के बीच बॉन्ड टूट गया और कार्बन के एटम नैनो डायमंड में बदल गए। हालांकि, लैब में ये डायमंड्स कुछ नैनोमीटर ही थे, लेकिन रिसर्च टीम का कहना था कि नेप्च्यून और यूरेनस में इन हीरों का आकार काफी बड़ा हो सकता है।


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