हांगकांग में मुकदमे का सामना करने के लिए वापस नहीं आएंगी लोकतंत्र कार्यकर्ता एग्नेस चाउ

punjabkesari.in Thursday, Dec 07, 2023 - 03:16 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: हांगकांग की सबसे प्रसिद्ध लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं में से एक एग्नेस चाउ अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए कनाडा गई थी। हालांकि इस युवा चेहरे को 2020 बीजिंग द्वारा लगाए गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था, जो 2019 में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद लागू किया गया था। कुछ समय तक उन्हें जेल में रखने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया था। वहीं विरोध प्रदर्शन में उनकी भूमिका पर एक अलग मामले में छह महीने की जेल भी हुई थी।

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एग्नेस चाउ अपनी पढ़ाई के लिए कनाडा चली गई थी, ने कहा कि वह अपनी जमानत शर्तों को पूरा करने के लिए शहर नहीं लौटेगी। चाउ के जेल से रिहा होने के बाद, उसे नियमित रूप से पुलिस को रिपोर्ट करना पड़ा। उन्होंने रविवार रात एक इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा - उनकी रिहाई के बाद उनकी पहली सार्वजनिक टिप्पणी - कि दबाव ने उन्हें "मानसिक बीमारियों" का कारण बना दिया और शहर वापस न लौटने के उनके फैसले को प्रभावित किया। चाउ ने सोमवार को सीबीसी न्यूज नेटवर्क के साथ एक इंटरव्यू में कहा, "मैंने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि मैं आजादी से जीना चाहता हूं।"एक शब्द है, 'भय से मुक्ति।' पिछले तीन वर्षों के अपने अनुभव से, मैं वास्तव में समझता हूं कि [वह शब्द] क्या है।"

Agnes Chow: Hong Kong democracy activist reveals she has moved to Canada  and plans to skip bail | CNN

चाउ ने कहा कि जुलाई में अधिकारियों ने उसका पासपोर्ट वापस करने की पेशकश की थी, जिससे वह टोरंटो में पढ़ाई कर सके। उन्होंने कहा, वह सहमत हो गईं। हांगकांग की स्थिति, अपनी सुरक्षा और अपने स्वास्थ्य पर विचार करने के बाद, चाउ ने कहा कि वह शायद दोबारा शहर नहीं लौटेगी। उन्होने कहा कि मैं फिर से मुख्य भूमि चीन का दौरा करने के लिए मजबूर होना चाहता हूं। ब्रॉडकास्टर की रिपोर्ट के अनुसार, चाउ ने सोमवार को टोक्यो में एक टीवी पर बातचीत के दौरान बताया कि वे अपने अगले कदमों पर विचार कर रही है। राजनीतिक सक्रियता पर बोलते हुए कहा कि वह हांगकांग के हित में कुछ करना चाहती हैं

वहीं हांगकांग पुलिस ने सोमवार को चाउ के कदम की कड़ी निंदा की। आगे उन्होने कहा कि इससे पहले की बहुत देर हो जाए उन्हें वापस लौट जाना चाहिए, अन्यथा, वह जीवन भर 'भगोड़ा' होने का कलंक झेलती रहेगी।

 

 


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News Editor

Radhika

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