LIVE: काबुल सीरियल ब्लास्ट में अब तक करीब 103 लोगों की मौत, आत्मघाती हमलावर के इरादे थे और खतरनाक

punjabkesari.in Saturday, Aug 28, 2021 - 04:52 PM (IST)

वाशिंगटनः  काबुल में हुए तीन सिलसिलेवार धमाकों में अब तक करीब 103 लोगों की मौत हो गई है  वहीं करीब 150 लोग घायल हैं।  अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान में सेना की जरूरत के मुताबिक जवान भेजने के संकेत दिए हैं। अफगानिस्तान व काबुल ब्लास्ट से जुड़ी खबरें पढञने के लिए जुड़ें Punjabkesari.in के साथ...

  • अमेरिका के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि काबुल हवाई अड्डे पर आत्मघाती बम हमला करने वाला आतंकी 25 पौंड विस्फोटक लिए हुआ था जिसमें विस्फोटक छर्रे भरे हुए थे  । इससे साफ जाहिर है कि अधिकारी के इरादे बेहद खतरनाक थे।  जाननकारी के अनुसार इस हमले में अफगानिस्तान के 169 नागरिक और अमेरिका के 13 सैनिक मारे गए।
     
  • बम विस्फोट के संबंध में शुरुआती जांच के बारे में एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री से किया गया विस्फोट इतना घातक था कि इससे हवाई अड्डे के गेट के अंदर मौजूद अमेरिकी सैनिक और गेट के बाहर मौजूद सैनिक और अफगान नागरिक मारे गए। उन्होंने बताया कि आमतौर पर आत्मघाती बम हमलावर पांच से 10 पौंड विस्फोटक अपने पास रखते हैं। यह विस्फोट उस वक्त किया गया जब काबुल हवाई अड्डे पर निकासी अभियान चल रहा था और हजारों की संख्या में लोग वहां मौजूद थे।
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  • व्हाइट हाउस ने कहा कि अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट पर हुए आतंकवादी हमलों में मारे गए सैनिकों के सम्मान में 30 अगस्त की शाम तक अमेरिकी ध्वज आधा झुका रहेगा। इस हमले करीब 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए हैं। काबुल एयरपोर्ट पर बम धमाके के बाद हवाईअड्डे पर लोगों को रेस्क्यू करने का काम शुरू हो गया है । धमाकों के एक दिन बाद ही अफगानिस्तान से निकासी उड़ानें फिर से शुरू कर दी गई हैं।    मरने वाले लोगों में अमेरिकी सैनिक भी शामिल हैं।
     
  • व्हाइट हाउस ने कहा कि अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट पर हुए आतंकवादी हमलों में मारे गए सैनिकों के सम्मान में 30 अगस्त की शाम तक अमेरिकी ध्वज आधा झुका रहेगा। इस हमले करीब 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए हैं। काबुल एयरपोर्ट पर बम धमाके के बाद हवाईअड्डे पर लोगों को रेस्क्यू करने का काम शुरू हो गया है। 
     
  • ISIS से संबद्ध इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।यह समूह तालिबान से कहीं अधिक कट्टरपंथी है। ऐसा माना जा रहा है कि तालिबान इन हमलों में शामिल नहीं है और उसने हमलों की निंदा की है।
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  • अफगानिस्तान से अमेरिकी लोगों की वापसी के अभियान की निगरानी कर रहे जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने कहा कि इन हमलों के बाद भी अमेरिका अपने नागरिकों एवं अन्य को अफगानिस्तान से निकालना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि हवाईअड्डे पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं और अफगानिस्तान से बाहर जाने के इच्छुक लोगों को लाने के लिए वैकल्पिक मार्ग इस्तेमाल किए जा रहे हैं. करीब 5,000 लोग हवाई अड्डे पर उड़ानों का इंतजार कर रहे हैं। 

  •   उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के प्रमुख ने काबुल हवाई अड्डे पर हुए दो बम हमलों की निंदा की है और इसे “भयानक आतंकी हमला” करार दिया है। यह हमला देश छोड़ने का प्रयास करते निराश अफगानों और उन्हें निकालने का प्रयास करती गठबंधन सेनाओं को लक्षित कर किया गया है।  जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने गुरूवार को हुए हमले के बाद ट्वीट किया, “मैं काबुल हवाई के बाहर हुए भयानक आतंक हमले की कड़ी निंदा करता हूं, जो लोग इससे प्रभावित हुए हैं उनके साथ मेरी संवेदनाएं हैं।हमारी प्राथमिकता ज्यादा से ज्यादा लोगों को जल्द से जल्द निकालने की है।” 
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  • तालिबान ने काबुल हवाई अड्डे के बाहर धमाकों की निंदा की और कहा कि यह हमला अमेरिकी सेनाओं के नियंत्रण वाले क्षेत्र में हुआ। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि उनका संगठन बृहस्पतिवार को हुए हमले की कड़ी निंदा करता है और सुरक्षा पर पूरा ध्यान दे रहा है। माना जा रहा है कि यह हमला अफगानिस्तान से सम्बद्ध इस्लामिक स्टेट समूह के गुट ने किया है जो तालिबान से अलग है तथा उससे भी अधिक चरमपंथी है।
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  • फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि पिछले कुछ घंटे पहले हुए धमाकों के कारण काबुल हवाईअड्डे के पास हालात गंभीर रूप से बिगड़े हैं। आयरलैंड के डबलिन में अपने दौरे के दौरान एक प्रेसवार्ता में मैक्रों ने कहा, 'हम एक अत्यंत तनावपूर्ण स्थिति का सामना कर रहे हैं, ऐसे में हमें अपने अमेरिकी सहयोगियों के साथ समन्वय करना चाहिए।  हवाईअड्डे पर हालात अनुकूल रहने तक फ्रांस अपने नागरिकों, अन्य सहयोगी देशों के लोगों और अफगानों को निकालना जारी रखेगा।' 

  • फ्रांस ने अफगानिस्तान से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभियान शुक्रवार को समाप्त कर दिया और काबुल हवाई अड्डे पर बनाए गए फ्रांस के अस्थाई दूतावास को भी बंद कर दिया। विदेश मंत्री जीन येस ली ड्रिआन और रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले ने घोषणा की कि निकासी अभियान में अफगानिस्तान से करीब तीन हजार लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। एक बयान में कहा गया, ‘‘काबुल में फ्रांसीसी दूतावास का दल फ्रांस लौटने से पहले अबु धाबी पहुंच गया है।'' इसमें कहा गया कि राजदूत डेविड मार्टिनन भी शीघ्र देश पहुंचने वाले हैं। 

  • अफगानिस्तान से शरणार्थियों को सुरक्षित लाई इटली की अंतिम निकासी उड़ान रोम के लियोनार्डो डा विची हवाईअड्डे पर उतरी। इतालवी वायुसेना का विमान सी-130 जे 58 अफगान नागरिकों को लेकर शनिवार सुबह पहुंचा। काबुल हवाईअड्डा से रवाना होने और बीच में योजना के मुताबिक एक जगह रुकने के बाद इसे यहां पहुंचने में करीब 17 घंटे का समय लगा। विमान में इटली के वाणिज्य दूत और एक नाटो राजनयिक भी सवार थे। इन्होंने ही काबुल हवाई अड्डे पर निकासी का समन्वय किया था। इटली के विदेश मंत्री लुइगी डि माओ ने कहा कि इटली अमेरिका और अफगानिस्तान की सीमा से लगे देशों के साथ काम करने के लिए तैयार है, जिसे उन्होंने "अधिक कठिन चरण" के रूप में बताया है।


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Content Writer

Tanuja

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