दास्तां ए रोहिंग्या: मुझे सैनिकों ने जानबूझकर गोली नहीं मारी, गलती से लगी होगी, 11 साल का मासूम

punjabkesari.in Saturday, Oct 28, 2017 - 03:43 PM (IST)

ढाका: म्यांमार देश के राखीन क्षेत्र में सांप्रदायिक हिंसा के बाद लाखों रोहिंग्या समुदाय के लोगों ने अपना वतन छोड़कर बांग्लादेश में आसरा लिया। यूनिसेफ के मुताबिक अगस्त महीने से अब तक करीब साढ़े तीन लाख बच्चों ने बांग्लादेश की शरण ली। इन बच्चोँ ने वो दर्द सहा जिसको बयां करने से ये खौफजदा हैं।

यूनिसेफ ने दो बच्चोँ की दर्द भरी दास्तां को अपने ट्विटर अकाउंट के वीडियो पर शेयर किया है। इसमें एक बच्चे को पैर पर गोली लगी थी, मौत का खौफ अब भी उनके चेहरों पर साफ झलक रहा था, बच्चे ने बताया कि उसे गलती से गोली लगी क्योंकि सैनिक लोगों पर गोलियां चला रहे थे। एक 11 साल के मासूम ने बताया सैनिक हमारे गांव में आए और लोगों पर गोलियां बरसाना शुरू कर दी। अब इन दोनों बच्चोँ ने बांग्लादेश के शरणार्थी कैंप में शरण ली है।

एक बच्चे ने यूनिसेफ को बताया कि मेरे पैर में गोली लगी है। मुझे लगता है कि मुझे गलती से गोली लगी होगी। वे बड़े लोगों पर गोलियां चला रहे थे। उसने बताया कि वे हमारे गांव आए और सब कुछ आग के हवाले कर दिया। इस सप्ताह 12 हजार से ज्यादा रोहिंग्या बच्चे म्यांमार से भागकर बांग्लादेश में शरण ले रहे हैं। इस मामले को लेकर अमेरिका का ह्यूमन राइट मीडिया भी सतर्क हो गया है। पीड़ितों के हकों के लिए यह भी मांग कर रहा है। मानवता को मरता देख हर कोई सन्न नजर आ रहा है। ऐसी मानवता की मौत को रोकने के लिए कदम उठाने के लिए भारत भी सजग है। पीड़ितों के हकों को लेकर देश की सरकार और सुप्रीम कोर्ट विचार कर रहा है।


 


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