भारत में ही नहीं इस देश में भी हो रही PM मोदी के बनाए ''Aadhar card'' की चर्चा

punjabkesari.in Wednesday, May 02, 2018 - 11:42 AM (IST)

बीजिंग: मोदी सरकार ने आधार कार्ड को महत्वपूर्ण बना के कई तरह के काम आसान कर दिए और अब इस राह पर चीन भी चलने जा रहा है । अधिकतर भारतवासियों को यही लगता होगा कि आधार कार्ड की चर्चा सिर्फ भारत में हो रही है, लेकिन अब एेसा नहीं होगा चीन भी इस तरह के कार्ड पर काम कर रहा है, जो चीन की समूची जनसंख्या का डाटा कवर कर सके। यह दुनिया का सबसे बड़ा डेटाबेस हो सकता है, क्योंकि इसमें चीन के 140 करोड़ लोगों का डाटा शामिल होगा. इस सिस्टम को एक तरह का सोशल क्रेडिट सिस्टम कहा जा रहा है, जो कि 2020 तक पूरा हो जाएगा।

बताया जा रहा है कि इस कार्ड में आर्थिक आधार पर कार्डधारकों को रेटिंग दी जाएगी, जिसमे रिवार्ड्स के साथ-साथ सजा का प्रावधान भी रहेगा, हालांकि पहले चरण में सिर्फ आर्थिक आधार पर रेटिंग का काम किया जा रहा है, चीन अपने आगामी कार्य योजना के तहत इसमें सजा का प्रावधान और सोशल मीडिया पर व्यवहार से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु भी जोड़ेगा। इसमें ख़राब रेटिंग वालों को ब्लैक लिस्ट भी किया जा सकेगा।  अभी तक के आंकड़ों को मानें तो करीब 90 लाख लोगों को उनके कोर्ट केस या डिफॉल्ट खराब रेटिंग मिली है, चीन ने इन व्यक्तियों की हवाई यात्रा पर पाबंदी लगा दी है।

इसके अलावा खराब क्रेडिट परफॉर्मेंस के आधार पर ही 30 लाख लोगों की ट्रेन यात्रा भी बंद कर दी है. ये कुछ असर अभी तक इस कार्ड के तहत चीन में देखने को मिला है, चीन इसके लिए वी-चैट, अलीबाबा जैसी कंपनियों का डाटा भी इस्तेमाल कर रहा है, क्योंकि चीन में ऑनलाइन शॉपिंग और पेमेंट चरम पर है, ऐसे में कई करोड़ लोगों का क्रेडिट रिकॉर्ड आसानी से ट्रैक किया जा सकता है, अब चीन इसी आधार पर लोगों को रेटिंग देने की तैयारी कर रहा है।           


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Isha

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