कोरोना वायरस: चीन के बाद दुनिया का ध्यान दक्षिण कोरिया, ईरान और इटली पर

Wednesday, Mar 04, 2020 - 11:12 PM (IST)

बैंकॉकः चीन में कोरोना वायरस के मामलों में कमी आने के साथ अब दुनिया का ध्यान दक्षिण कोरिया, इटली और ईरान पर है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि चीन से बाहर 80 प्रतिशत नए मामले इन्हीं देशों से हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बताया कि वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों में से 3.4 फीसदी लोगों की मौत हुई है। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेडरोस अधारोम घेब्रेयेसस ने कहा, ‘‘ लोग डरे हुए हैं और संदेह में हैं। किसी भी खतरे को लेकर डर जाना एक प्राकृतिक मानवीय प्रतिक्रिया है। इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल कर रहे हैं।'' 

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कोविड-19 से संक्रमित लोगों में से 3.4 फीसदी लोगों की मौत हो चुकी है जो कि इसे सामान्य फ्लू की अपेक्षा ज्यादा खतरनाक बनाता है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कोरोनो वायरस के नए मामले में आंशिक लक्षण ही दिख रहे हैं और उसमें इलाज की भी जरूरत नहीं है। दक्षिण कोरिया का देगु शहर इस वायरस का केंद्र बना हुआ है और यहां मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या कम पड़ रही है जिसकी वजह से 2,300 मरीजों को अन्य जगह रखा गया है। देगु में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों को पृथक रखने के संबंध में रणनीति को लेकर हुई एक बैठक में देश के प्रधानमंत्री चुंग से-क्यून ने देश को आश्वासन देते हुए कहा, ‘‘ हम पूरी तरह से इस स्थिति से उबर सकते हैं। हम कोविड-19 के खिलाफ युद्ध जीतेंगे।'' 

बुधवार को दक्षिण कोरिया में संक्रमण के 435 नए मामले सामने आए। यह अब तक की कम संख्या है क्योंकि एक दिन पहले ही 851 संक्रमण के मामले सामने आए थे। दक्षिण कोरिया में अब तक 5,621 लोग संक्रमित हो चुके हैं जिनमें से 32 की मौत हो चुकी है। ईरान में 2,922 लोग इस वायरस से संक्रमित हुए हैं जिनमें से 92 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन से बाहर इस वायरस से सबसे ज्यादा लोग ईरान में मरे हैं। संक्रमित लोगों में सरकार के सदस्य भी शामिल हैं। देश में लगातार दूसरे हफ्ते शुक्रवार की नमाज नहीं हुई। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने बुधवार को कोरोना वायरस से निपटने के लिए अमेरिकी मदद की पेशकश ठुकरा दी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कहा था कि अगर ईरान मदद मांगता है तो वह मदद देने के लिए तैयार हैं। 

इटली में इस वायरस से 79 लोगों की मौत हो चुकी है। यह वायरस ज्यादातर लोम्बार्डी में है लेकिन इस वायरस के वेटिकन तक पहुंचने की आशंका जाहिर की जा रही है। इटली की समचार एजेंसियों ने सरकारी सूत्र को उद्धृत करते हुए कहा कि इटली मध्य मार्च तक सभी स्कूलों और विश्वविद्यालयों को बंद कर रहा है। यहां तक कि पोप फ्रांसिस को लेकर भी खबरें आने लगीं थी लेकिन वेटिकन ने जोर देकर कहा है कि पोप संक्रमित नहीं है। पिछले सप्ताह पोप बीमार हो गए थे लेकिन वेटिकन का कहना है कि फ्रांसिस को सर्दी हुई थी। यूरोप में इस वायरस के फैलने को लेकर यहां की सरकारों ने जरूरी आपूर्ति की चीजों पर नियंत्रण करने की कोशिश की है। चेक रिपब्लिक, रूस और जर्मनी ने बुधवार को विभिन्न तरह के बचाव उपकरण और मास्क के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है। 

भारत ने इसी बीच मुताबिक 26 सक्रिय औषधि सामग्री (एपीआई) के निर्यात में सख्ती बरतना शुरू कर दिया है क्योंकि यहां इस वायरस से पीड़ित लोगों की संख्या 29 तक पहुंच चुकी है। बुधवार को चीन में 119 नए मामले सामने आए लेकिन इनमें से सिर्फ पांच मामले ही इस वायरस के केंद्र वुहान से थे। देश में 80,270 मामले सामने आए हैं और 2,981 लोगों की मौत हुई है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा कि हुबेई प्रांत में इस संक्रमण के बाद बनाए गए अस्पतालों के बंद होने की संभावना है क्योंकि यहां हजारों बिस्तर खाली पड़े हैं। डब्ल्यूएचओ की महामारी विशेषज्ञ मारिया वान केरखोव ने चीन के बारे में कहा कि उन्हें विश्वास है कि यह कमी वास्तविक है। 

सऊदी अरब ने अपने नागरिकों की मक्का यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे एक सप्ताह पहले अरब ने यह प्रतिबंध विदेशी नागरिकों के लिए लगाया था। स्पेन में दर्जनों स्वास्थ्य कर्मियों को पृथक रखा गया है और उन पर निगरानी रखी जा रही है क्योंकि कम से कम पांच लोग इस नए वायरस से पीड़ित हैं। वहीं इसी बीच ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस वायरस के फैलने को लेकर चेतावनी जारी की है और खराब स्थिति के लिए 25 पन्नों की योजना जारी की है। ऐसी स्थिति में पुलिस को छोटे-मोटे अपराध की जांच छोड़कर कोरोना वायरस से निपटने में लगना होगा। अमेरिका में 120 से ज्यादा मामले सामने आए हैं और अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है। 

Pardeep

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