कांगोः डर के साए में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान

punjabkesari.in Sunday, Dec 30, 2018 - 12:24 PM (IST)

किन्शासाः कांगो में रविवार को मतदाता हिंसा की आशंकाओं के बीच डर के साए में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान हुआ। यह चुनाव इस अस्थिर देश के भविष्य को एक नया आकार देगा। लाखों मतदाता राष्ट्रपति जोसेफ कबीला का उत्तराधिकार चुन रहे हैं जिन्होंने अपना कार्यकाल खत्म होने के दो साल बाद इस्तीफा दिया। चुनाव में देरी के कारण खूनी संघर्ष हुए। इस मतदान से कांगो को साल 1960 में बेल्जियम से आजादी मिलने के बाद से सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण का पहला मौका मिलेगा। हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि हिंसा की आशंका बहुत ज्यादा है।
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चुनाव में लगातार देरी से इसकी विश्वसनीयता पहले ही खतरे में पड़ गई है। ऐसे आरोप है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से गड़बड़ नतीजे निकलेंगे। लंबे समय से प्रतीक्षित राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी दलों के दो प्रमुख उम्मीदवारों ने चुनाव की पूर्व संध्या पर शनिवार को एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया जिससे ङ्क्षहसा भड़कने की आशंका पैदा हो गई है। मतदान से पहले तनाव बढऩे के साथ माॢटन फायुलू और फेलिक्स शिसेकेदी ने चुनाव के बाद हिंसा को रोकने के मकसद वाले प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि चुनाव अधिकारी इसकी विषय वस्तु में सुझाए गए बदलावों को करने में विफल रहे।
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उन्होंने अफ्रीकी चुनाव पर्यवेक्षकों के साथ संक्षिप्त बैठक के बाद अपने फैसले की घोषणा की। देश के स्वतंत्र राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने विपक्षी दलों के दो दिग्गज नेताओं और कबीला द्वारा उत्तराधिकारी चुने गए एमैनुएल रमजानी शादरी को नतीजों की घोषणा के बाद हिंसा रोकने के मकसद एक समझौते पर हस्ताक्षर के लिए मनाया था लेकिन दोनों विपक्षी नेताओं ने इससे इंकार कर दिया।PunjabKesari


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Tanuja

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