चीन की धमकी, कहा- जो ताइवान का समर्थन करेगा उसका हम सिर फोड़ देंगे, हर तरफ खून बहेगा

punjabkesari.in Thursday, May 23, 2024 - 08:48 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः चीन की सेना ने गुरुवार को ताइवान के चारों तरफ दो दिवसीय व्यापक "दंड अभ्यास" शुरू किया। इसमें उसकी सेना, नौसेना, वायु सेना और रॉकेट बल भाग ले रहे हैं। चीन ने यह अभ्यास ऐसे वक्त में किया है जब स्व-शासित द्वीप ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने देश पर चीन की संप्रभुता के दावे को अस्वीकार किया है। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के अनुसार, चीन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के पूर्वी थिएटर कमान ने बृहस्पतिवार सुबह 7:45 बजे ताइवान द्वीप के आसपास संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू किया।

चीन का मानना है कि ताइवान को मुख्य भूमि के साथ जोड़ा जाना चाहिए भले ही इसके लिए बल प्रयोग करना पड़े। पीएलए ईस्टर्न थिएटर कमान के प्रवक्ता ली शी ने कहा, ‘‘यह अभ्यास ‘ताइवान स्वतंत्रता' बलों के अलगाववादी कृत्यों के लिए एक कड़ी सजा और बाहरी ताकतों द्वारा हस्तक्षेप और उकसावे के खिलाफ एक कड़ी चेतावनी जैसा है।'' यह अभ्यास ताइवान जलडमरूमध्य, ताइवान द्वीप के उत्तर, दक्षिण और पूर्व के साथ-साथ किनमेन, मात्सु, वुकिउ और डोंगयिन द्वीपों के आसपास के क्षेत्रों में किया जा रहा है।

अलर्ट पर है ताइवान की सेना
ताइवान ने चीन के युद्धाभ्यास की 'तर्कहीन उकसावे' के रूप में निंदा की है। इस बीच ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने चीन से सैन्य अभ्यास रोकने को कहा है। लाई ने चीन से अपील की है कि वह अपने आक्रोश को रोककर पूरे इलाके में शांति बनाए रखने की कोशिश करें। लाई के मुताबिक जिन द्वीपों के पास अभ्यास चल रहा है वो ताइवान के हैं। वहीं, ताइवान की सेना को भी अलर्ट पर रखा गया है। 

चीन-ताइवान के बीच जुबानी जंग 
इस बीच यहां यह भी बता दें कि, राष्ट्रपति बनने के बाद लाई चिंग-ते ने अपने पहले संबोधन में कहा था कि ताइवान स्वतंत्र देश है। अपनी संप्रभुता बनाए रखने के लिए ताइवान कुछ भी कर सकता है। उन्होंने कहा थाी कि, ताइवान सरकार अपने लोकतंत्र और आजादी को लेकर कोई भी समझौता नहीं करेगी। इसके बाद चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने ताइवान पर पलटवार किया था। उन्होंने कहा था कि ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते और उनके साथियों ने अपनी हरकतों से देश ही नहीं बल्कि हमारे पूर्वजों को भी धोखा दिया है। वांग यी यह भी कहा था कि ताइवान को चीन में मिलाने से हमें कोई नहीं रोक सकता। वह अपनी मातृभूमि में जरूर मिलेगा।


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Content Writer

Yaspal

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