म्यांमार की सैन्य सरकार भी चीन के कंट्रोल में, ड्रैगन ही 2025 क चुनावों का असली ड्राइवर

punjabkesari.in Saturday, Dec 14, 2024 - 04:58 PM (IST)

बीजिंगः चीन ने म्यांमार की सैन्य सरकार (जुंटा) को पूरी तरह अपने नियंत्रण में कर लिया है। जो चीन हमेशा कहता है कि वह दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता, उसने म्यांमार में 2025 में होने वाले चुनावों का खुला समर्थन कर दिया है। इस कदम ने यह साफ कर दिया है कि म्यांमार के गृहयुद्ध में चीन दोहरा रवैया अपना रहा है। अब यह कहना गलत नहीं होगा कि 2025 में म्यांमार में होने वाले चुनावों के पीछे चीन का ही हाथ है। चीन ने नवंबर की शुरुआत में म्यांमार की सैन्य सरकार के प्रमुख मिन आंग ह्लाइंग का स्वागत किया। यह मुलाकात कुनमिंग में हुई, जहां चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने उन्हें "ग्रेटर मेकोंग सब-रीजन लीडर्स समिट" के दौरान समर्थन दिया। इस दौरान चीन ने न केवल म्यांमार के प्रस्तावित चुनावों को समर्थन दिया, बल्कि जुंटा को अनौपचारिक मान्यता भी दे दी।

 

विशेषज्ञों का मानना है कि चीन जुंटा पर दबाव बना रहा है कि वह चुनावों का समय तय करे। चीन का मुख्य उद्देश्य है कि सीमा पार व्यापार फिर से शुरू हो और म्यांमार में उसके निवेश और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स की सुरक्षा सुनिश्चित हो। लेकिन म्यांमार में लोकतंत्र समर्थक समूहों और नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट (NUG), जो 2021 में हुए तख्तापलट के बाद निर्वासित सरकार का दावा करती है, ने इन चुनावों का विरोध किया है। NUG का कहना है कि सेना को पूरी तरह राजनीति से हटाया जाए और देश में एक नया संघीय राजनीतिक ढांचा बनाया जाए।  


 
इस साल गर्मियों से चीन के शीर्ष अधिकारी म्यांमार का लगातार दौरा कर रहे हैं। उन्होंने जुंटा और अन्य सशस्त्र गुटों पर दबाव बनाया कि वे सेना के खिलाफ लड़ाई बंद करें। चीन ने खासतौर पर  थ्री ब्रदरहुड अलायंस जैसे गुटों को चेतावनी दी, जो अब चीन के हितों के खिलाफ काम कर रहे थे। इसके अलावा, चीन को यह चिंता थी कि NUG और इसके समर्थक अमेरिका के ज्यादा करीब हो रहे हैं। चीन ने म्यांमार के विदेश मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय के 21 अधिकारियों को चीनी भाषा सीखने के लिए मजबूर किया है। इन ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था चोंगकिंग के एक स्कूल से की गई। जुलाई में म्यांमार में चीनी नववर्ष को पहली बार सरकारी अवकाश घोषित किया गया। इससे पहले किसी विदेशी त्योहार को सार्वजनिक अवकाश का दर्जा नहीं दिया गया था।  

 

चीन ने अक्टूबर में म्यांमार जुंटा से एक समझौता (MoU) पर हस्ताक्षर करने का प्रस्ताव रखा, जिसके तहत म्यांमार में एक चीनी निजी सुरक्षा कंपनी बनाई जाएगी। इसका उद्देश्य चीन के  बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट्स और अन्य निवेशों की सुरक्षा करना है। लेकिन म्यांमार में चीनी सशस्त्र बलों की मौजूदगी के विचार ने भारी आलोचना झेली है। म्यांमार पर बढ़ता चीन का नियंत्रण उसे दक्षिण-पूर्व एशिया में रणनीतिक लाभ दिलाएगा। म्यांमार की भौगोलिक स्थिति इसे इस क्षेत्र की राजनीति में एक अहम खिलाड़ी बनाती है। चीन अब म्यांमार को अपने बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट्स और सैन्य महत्वाकांक्षाओं के लिए इस्तेमाल कर सकता है। हालांकि, यह स्थिति क्षेत्रीय स्थिरता को बिगाड़ सकती है। म्यांमार पर चीन की पकड़ ASEAN जैसे संगठन के लिए एक बड़ी चुनौती है, जो क्षेत्रीय एकता और गैर-हस्तक्षेप की नीति पर काम करता है।  


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Content Writer

Tanuja

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