चीन और रूस मिलकर करेंगे अमेरिका की हिंद-प्रशांत रणनीति का मुकाबला

punjabkesari.in Thursday, Mar 23, 2023 - 10:46 AM (IST)

बीजिंग: चीन के राष्ट्रपति शी  जिनपिंग ने रूस की अपनी यात्रा  दौरान अमेरिका की हिंद-प्रशांत रणनीति का मुकाबला करने के लिए अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ ‘‘समान, खुली और समावेशी सुरक्षा प्रणाली’’ बनाने का संकल्प किया। शी ने पुतिन के साथ गहन चर्चा की, जिसके बाद नेताओं ने ‘‘नए युग के लिए समन्वय की व्यापक रणनीतिक साझेदारी’’ और ‘‘चीन-रूस आर्थिक सहयोग में प्राथमिकताओं पर 2030 से पहले विकास योजना’’ को गहरा करने के लिए दो संयुक्त बयानों पर हस्ताक्षर किए।  बुधवार को शी  जिनपिंग  रूस की अपनी यात्रा पूरी कर वापस लौट गए। जिनपिंग  ने मॉस्को की तीन-दिवसीय यात्रा यूक्रेन संघर्ष में शांति वाहक के तौर पर अपनी भूमिका दर्शाने के लिए की थी।

 

उन्होंने इस दिशा में शांति वार्ता योजना को आगे बढ़ाने की मांग की, जिस पर यूक्रेन के प्रमुख सहयोगी अमेरिका से ठंडी प्रतिक्रिया मिली। मार्च 2013 में पहली बार चीन का राष्ट्रपति बनने के बाद से शी की रूस की इस यात्रा को ‘‘दोस्ती, सहयोग और शांति’’ की यात्रा बताया गया है। चीन ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति शी की हाल में समाप्त हुई रूस की राजकीय यात्रा ‘‘दोस्ती, सहयोग और शांति की यात्रा’’ थी। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि चीन यूक्रेन संघर्ष में तटस्थ है और उन्होंने यह भी दोहराया कि बीजिंग का ‘‘यूक्रेन मुद्दे पर कोई स्वार्थी मकसद नहीं है, वह मूक दर्शक नहीं बना हुआ है... या इस अवसर का लाभ नहीं उठा रहा है’’।

 

वांग ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति शी चिनफिंग की रूस की यात्रा दोस्ती, सहयोग और शांति की यात्रा है, जिस पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने सकरात्मक प्रतिक्रिया दी है।’’ प्रवक्ता ने संघर्ष विराम एवं बातचीत के आह्वान को लेकर चीन द्वारा पेश 12-सूत्री शांति प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘चीन, यूक्रेन मुद्दे के राजनीतिक समाधान को बढ़ावा देने में रचनात्मक भूमिका निभाना जारी रखेगा।’’ अपने संयुक्त बयान में चीन और रूस ने एशिया-प्रशांत देशों के साथ नाटो के सैन्य-सुरक्षा संबंध लगातार बढ़ाने पर गंभीर चिंता व्यक्त की और उनका कहना है कि यह क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को कमजोर करता है।

 

बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष एशिया-प्रशांत क्षेत्र में विशिष्ट गठबंधन का विरोध करते हैं, जो क्षेत्र में इस तरह की गठबंधन की राजनीति को बढ़ावा देगी और खेमेबाजी से टकराव पैदा होगा, जो स्पष्ट रूप से अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान के गठबंधन ‘क्वाड’ और ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के गठबंधन ‘ऑकस’ के संदर्भ में है। दोनों पक्षों ने इस बात का जिक्र किया कि अमेरिका शीतयुद्ध की मानसिकता में जी रहा है और हिंद-प्रशांत रणनीति का अनुसरण करता है, जिसका क्षेत्र में शांति और स्थिरता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

 


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Content Writer

Tanuja

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