चीन की जनसंख्या में गिरावट लगातार तीसरे साल भी जारी, भविष्य के लिए खड़ी हुईं बड़ी चुनौतियां
punjabkesari.in Friday, Jan 17, 2025 - 02:25 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्क. चीन की सरकार ने शुक्रवार को बताया कि पिछले साल देश की जनसंख्या में लगातार तीसरे साल गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट चीन जैसे देश के लिए बड़ी चिंता का कारण है, जहां पहले से ही बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है और कामकाजी उम्र के लोगों की कमी हो रही है।
जनसंख्या में गिरावट के आंकड़े
2024 के अंत में चीन की कुल जनसंख्या लगभग 1 अरब 40 करोड़ थी, जो 2023 की तुलना में 14 लाख कम है। इस गिरावट का असर चीन के भविष्य के आर्थिक और सामाजिक ढांचे पर पड़ सकता है।
पूर्वी एशिया के अन्य देशों जैसी स्थिति
चीन में जन्म दर में गिरावट का यह रुझान जापान, दक्षिण कोरिया और हांगकांग जैसे पूर्वी एशियाई देशों की स्थिति से मिलता-जुलता है। इन देशों में भी युवा लोग उच्च शिक्षा, करियर और बढ़ती जीवन-यापन की लागत के कारण शादी और बच्चों को प्राथमिकता नहीं दे रहे हैं।
इतिहास में जनसंख्या नियंत्रण की नीतियां
1949 में कम्युनिस्ट पार्टी के सत्ता में आने के बाद चीन की जनसंख्या में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई। लेकिन 1979 में 'एक संतान नीति' लागू करने के बाद से जनसंख्या पर नियंत्रण पाने की कोशिश की गई। इस नीति का उद्देश्य देश की खाद्य आपूर्ति और संसाधनों को बनाए रखना था। हालांकि, इसके दीर्घकालिक प्रभाव अब सामने आ रहे हैं, जहां बुजुर्ग आबादी का प्रतिशत तेजी से बढ़ रहा है।
बुजुर्गों की बढ़ती संख्या और भविष्य की चुनौतियां
चीन की कुल आबादी का लगभग 22% हिस्सा (31 करोड़ लोग) 60 साल या उससे अधिक उम्र का है। यह संख्या 2035 तक 30% से अधिक होने का अनुमान है। इससे सरकार पर पेंशन और स्वास्थ्य सेवाओं का भारी बोझ बढ़ेगा। इसके साथ ही सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने पर भी विचार हो रहा है, क्योंकि वर्तमान में यह दुनिया में सबसे कम है।
स्कूल और किंडरगार्टन बदल रहे केंद्रों में वृद्ध देखभाल
कम जन्म दर के कारण कई स्कूल और किंडरगार्टन खाली पड़े हैं। इन्हें अब वृद्ध देखभाल केंद्रों में बदला जा रहा है। यह स्थिति चीन के भविष्य के लिए गंभीर संकेत देती है, क्योंकि बुजुर्गों की बढ़ती संख्या और कामकाजी उम्र के लोगों की कमी का देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।
क्या है चीन के लिए आगे की राह?
चीन को अब अपनी जनसांख्यिकीय चुनौतियों से निपटने के लिए नई नीतियों की जरूरत है। इसमें बुजुर्गों की देखभाल के लिए सुविधाओं का विस्तार, जन्म दर बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन योजनाएं और श्रमिक आयु वर्ग को बनाए रखने के लिए कदम शामिल हैं।