पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो को 27 साल की सजा, सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

punjabkesari.in Friday, Sep 12, 2025 - 08:35 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क:  ब्राज़ील की सुप्रीम फेडरल कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए पूर्व राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो को 27 साल और तीन महीने की जेल की सजा दी है। आरोप है कि उन्होंने 2022 के चुनाव हार के बाद सत्ता हथियाने की साजिश रची थी।  ये फैसला ब्राज़ील के इतिहास में एक बड़ा मोड़ है, जहां पहली बार किसी पूर्व राष्ट्राध्यक्ष को लोकतंत्र को चुनौती देने के जुर्म में इतनी कठोर सजा दी गई है। बोल्सोनारो फिलहाल नजरबंद हैं और यह निर्णय आने वाले समय में ब्राज़ील की राजनीति को पूरी तरह बदल सकता है।

क्या-क्या आरोप थे और किनके खिलाफ मुकदमा था

-इस निर्णय में न्यायाधीशों ने चार मुख्य आरोपों से बोल्सोनारो को दोषी ठहराया है, जो निम्नलिखित हैं:
-लोकतंत्र और संवैधानिक कानून व्यवस्था को हिंसात्मक तरीके से समाप्त करने की कोशिश। 
-एक सशस्त्र आपराधिक संगठन का नेतृत्व करना। 
-तख्तापलट की साजिश रचना, जिसमें कथित तौर पर एलु डा सिल्वा की हार को उलटने की योजनाएं थीं। 
-सरकारी संपत्ति और सांस्कृतिक विरासत की क्षति के आरोप। 
-इस केस में बोल्सोनारो के अलावा उनके कई पुराने सहयोगियों और पूर्व मंत्रियों व सैन्य अधिकारियों पर भी मुकदमे चलाए गए। 

फैसला कैसे हुआ और न्यायपालिका की स्थिति
सुप्रीम कोर्ट के पांच सदस्यों की एक पैनल ने इस फैसला किया; चार न्यायाधीशों ने दोष सिद्धि की, वहीं एक न्यायाधीश ने बोल्सोनारो को पूरी तरह बरी करने की राय दी। 

सजा शुरू में बंद (कैद) व्यवस्था में होगी। 
बोल्सोनारो फिलहाल नजरबंद हैं और अपनी सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय (पूर्ण सुप्रीम कोर्ट) में अपील कर सकते हैं। 

इस फैसले की प्रभावशीलता और राजनीतिक मायने
यह पहला मौका है जब ब्राज़ील में एक पूर्व राष्ट्रपति को लोकतंत्र और संवैधानिक व्यवस्था को खतरे में डालने की कोशिशों के लिए दोषी ठहराया गया हो। 
इस फैसले से देश में राजनीतिक ध्रुवीकरण और भी बढ़ने की सम्भावना है। समर्थक इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई कह रहे हैं, जबकि विरोधी इसे लोकतंत्र की रक्षा के लिए न्यायपालिका की जीत मान रहे हैं।  सजा की इस अवधि का असर सिर्फ जेल में रहने तक सीमित नहीं होगा — इससे बोल्सोनारो की चुनावी राजनीति पर असर पड़ेगा, विशेषकर 2026 के राष्ट्रपति चुनावों में। बोल्सोनारो पहले ही कुछ मामलों में सार्वजनिक पद से अयोग्य (ineligible) हो चुके हैं। 


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Content Writer

Anu Malhotra

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