प्यू रिपोर्ट का बड़ा खुलासा: मुस्लिम देशों से गायब होंगे हिंदू, भारत में होगा बड़ा उलटफेर!
punjabkesari.in Monday, Apr 21, 2025 - 04:15 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: दुनिया की धार्मिक जनसंख्या को लेकर एक नई रिपोर्ट सामने आई है, जिसने भविष्य की तस्वीर कुछ हद तक साफ कर दी है। प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट “The Future of World Religions” के अनुसार, साल 2050 तक धर्म आधारित जनसंख्या में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि एशिया-पैसिफिक रिजन में मुस्लिम आबादी में गिरावट आएगी जबकि हिंदू धर्म दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म बनकर उभरेगा।
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एशिया में घटेगी मुस्लिम जनसंख्या
प्यू रिसर्च के अनुसार, 2010 में एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में मुस्लिम आबादी 61.7% थी। लेकिन साल 2050 तक यह आंकड़ा घटकर 52.8% पर आ जाएगा। यानी इस क्षेत्र में मुस्लिम जनसंख्या में करीब 9 प्रतिशत की गिरावट होगी।
गिरावट के कारण:
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प्रजनन दर में कमी
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शहरीकरण का असर
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धर्मांतरण के ट्रेंड में बदलाव
हालांकि पूरी दुनिया में इस्लाम धर्म की कुल जनसंख्या बढ़ेगी, लेकिन एशिया, जो इस्लाम का प्रमुख गढ़ माना जाता है, वहां यह गिरावट शोधकर्ताओं को भी हैरान कर रही है।
यूरोप में मुस्लिम आबादी रहेगी स्थिर
रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोप में मुस्लिम जनसंख्या 2010 में 2.7% थी और 2050 तक भी इसी स्तर पर बनी रहेगी। यानी यहां इस्लाम की पकड़ न बढ़ेगी, न घटेगी।
हिंदू धर्म में होगी जबरदस्त बढ़त
दूसरी ओर, हिंदू धर्म को लेकर रिपोर्ट ने बेहद उत्साहजनक संकेत दिए हैं। साल 2050 तक हिंदुओं की वैश्विक जनसंख्या 1.4 अरब तक पहुंच सकती है, जो वर्तमान की तुलना में 34% अधिक होगी।
हिंदू धर्म के मुख्य आंकड़े:
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दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म होगा
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भारत में हिंदू आबादी 77% बनी रहेगी
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दुनिया के कुल हिंदू समुदाय का 94% भारत में रहेगा
भारत में मुस्लिम जनसंख्या में इजाफा
जहां हिंदू धर्म में वृद्धि देखी जाएगी, वहीं भारत में मुस्लिम जनसंख्या भी तेजी से बढ़ेगी। रिपोर्ट बताती है कि 2050 तक भारत में 31 करोड़ से ज्यादा मुस्लिम होंगे, जिससे भारत दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश बन जाएगा। इससे भारत इंडोनेशिया को भी पीछे छोड़ देगा।
पड़ोसी मुस्लिम देशों में घटेगी हिंदू जनसंख्या
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे मुस्लिम बहुल देशों में हिंदू आबादी में गिरावट देखी जाएगी। इसकी मुख्य वजहें हैं:
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धार्मिक असहिष्णुता
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सामाजिक भेदभाव और दमन
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धर्मांतरण और पलायन
यह गिरावट न केवल आंकड़ों में दिखेगी, बल्कि हिंदू अल्पसंख्यकों की सामाजिक स्थिति को भी प्रभावित कर सकती है।
जनसंख्या में बदलाव के पीछे की सामाजिक-आर्थिक वजहें
प्यू रिसर्च की रिपोर्ट का निष्कर्ष सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं है। यह दर्शाता है कि दुनिया की धार्मिक जनसंख्या में बदलाव मुख्यतः शिक्षा, रोजगार, जीवनशैली और सरकारों की नीतियों पर निर्भर करेगा। जैसे-जैसे शहरीकरण और वैज्ञानिक सोच बढ़ेगी, वैसे-वैसे धार्मिक प्रवृत्तियों में भी बदलाव होता रहेगा।
रिपोर्ट से जुड़े प्रमुख तथ्य एक नजर में:
तथ्य | विवरण |
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एशिया में मुस्लिम आबादी | 2010 में 61.7%, 2050 में 52.8% |
यूरोप में मुस्लिम आबादी | स्थिर – 2.7% |
वैश्विक हिंदू जनसंख्या | 2050 तक 1.4 अरब (34% बढ़त) |
भारत में हिंदू आबादी | 2050 में 77% बहुमत |
भारत में मुस्लिम आबादी | 31 करोड़+ (दुनिया में सबसे ज्यादा) |
पड़ोसी देशों में हिंदू आबादी | पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में गिरावट |
मुस्लिम बहुल क्षेत्र | जनसंख्या गिरावट का सामना करेंगे |
वैश्विक प्रभाव | धार्मिक बदलाव से सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव |