बांग्लादेशी हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ वैश्विक स्तर पर विरोध तेज, कनाडा में सड़कों पर प्रदर्शन

punjabkesari.in Monday, Dec 02, 2024 - 04:45 PM (IST)

Dhaka: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और पुजारियों की गिरफ्तारी के विरोध की लहर अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फैल रही है। इस्कॉन (अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण चेतना सोसायटी) ने बताया कि रविवार को दुनिया के 1000 से अधिक मंदिरों में बांग्लादेश में शांति और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए विशेष प्रार्थना सभाएं आयोजित की गईं।  

  
कनाडा में बसे बांग्लादेशी हिंदुओं ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया और सरकार से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए दबाव बनाने की अपील की। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में हिंदुओं के सम्मान और सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की।  बांग्लादेश प्रशासन ने इस्कॉन से जुड़े चिन्मय दास प्रभु को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया। इसके बाद तीन अन्य हिंदू पुजारियों को भी हिरासत में लिया गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, इन पुजारियों को दवाएं उपलब्ध कराने तक पर रोक लगा दी गई है।  

 
बांग्लादेश सरकार ने इस्कॉन के 63 ब्रह्मचारियों को वैध भारतीय वीजा और दस्तावेज होने के बावजूद भारत में प्रवेश करने से रोक दिया। इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म  एक्स पर कहा कि बांग्लादेशी सीमा पुलिस ने खुफिया विभाग के निर्देशों का हवाला देकर इन्हें रोका।  
 बेनापोल इमिग्रेशन चेक पोस्ट के प्रभारी इम्तियाज मोहम्मद अहसानुल कादर ने बताया कि इन ब्रह्मचारियों की यात्रा संदिग्ध लगने के कारण उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। इनमें से अधिकांश इस्कॉन के अनुयायी बताए जा रहे हैं।

 
 
इस घटनाक्रम ने दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। कनाडा समेत अन्य देशों में हिंदू समुदाय इस अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं और बांग्लादेश सरकार से इन घटनाओं पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं।  


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Content Writer

Tanuja

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