अगर भारत ने उठाया ये कदम तो अंधेरे में डूब जाएगा बांग्लादेश, हमारे पास है पड़ोसियों की लाइफलाइन
punjabkesari.in Wednesday, Dec 24, 2025 - 08:47 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्क : बांग्लादेश इन दिनों गंभीर ऊर्जा संकट के मुहाने पर खड़ा है। वहां की राजनीतिक हलचल और भारत विरोधी बयानबाजी के बीच यह तथ्य भी सामने आया है कि बांग्लादेश की बिजली आपूर्ति का बड़ा हिस्सा अब भारत पर निर्भर है। अगर कूटनीतिक संबंधों में कोई खटास आई और व्यापार प्रभावित हुआ, तो पड़ोसी देश का व्यापक क्षेत्र अंधेरे में डूब सकता है।
भारत से बिजली का बढ़ता योगदान
बांग्लादेश सरकार के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष की तुलना में भारत से बिजली आयात लगभग 70 प्रतिशत बढ़ गया है। इसका मतलब यह है कि बांग्लादेश में इस्तेमाल होने वाली कुल बिजली का 17 प्रतिशत भारत से आ रही है, जो पहले महज 9.5 प्रतिशत थी। वर्तमान में क्रॉस-बॉर्डर समझौतों के तहत बांग्लादेश हर दिन औसतन 2,200 से 2,300 मेगावाट बिजली भारत से ले रहा है।
अडानी पावर का प्रमुख योगदान
इस सप्लाई चेन में सबसे बड़ा नाम गौतम अडानी की कंपनी ‘अडानी पावर’ का है। भारत से बांग्लादेश जाने वाली बिजली का लगभग 1,496 मेगावाट हिस्सा अडानी पावर के झारखंड स्थित गोड्डा प्लांट से सप्लाई होता है। एनटीपीसी और पीटीसी इंडिया जैसी सरकारी और निजी कंपनियां भी योगदान देती हैं, लेकिन अडानी पावर का हिस्सा सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि तकनीकी या राजनीतिक कारणों से इस सप्लाई चेन में बाधा आने पर बांग्लादेश के ग्रिड का संतुलन बिगड़ सकता है।
घरेलू संसाधनों की कमी ने बढ़ाई निर्भरता
पहले बांग्लादेश अपनी बिजली का दो-तिहाई हिस्सा घरेलू प्राकृतिक गैस से उत्पादन करता था। लेकिन अब तकनीकी समस्याओं और लो-प्रेशर की वजह से कई गैस प्लांट पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रहे हैं। वहीं, कोयला आधारित बिजली घरों का उत्पादन मेंटेनेंस की वजह से 30 प्रतिशत से घटकर 26 प्रतिशत रह गया है। एलएनजी आयात बढ़ाने के बावजूद उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई।
भारत बना 'मास्टर स्विच'
इन सभी परिस्थितियों के चलते बांग्लादेश महंगी लेकिन भरोसेमंद भारत से बिजली पर निर्भर हो गया है। ऊर्जा विशेषज्ञों के अनुसार, निकट भविष्य में बांग्लादेश के लिए घरेलू संसाधनों के दम पर बिजली संकट को पूरा करना मुश्किल होगा। यानी फिलहाल इस क्षेत्र का ‘मास्टर स्विच’ भारत के पास ही है।
