पाकिस्तान-चीन की खैर नहीं ! बलूच विद्रोहियों ने सिंध- बलूचिस्तान की आजादी के लिए बनाई नई सेना

punjabkesari.in Monday, Jan 31, 2022 - 04:53 PM (IST)

इस्‍लामाबादः पाकिस्‍तान और चीन  से तंग आए बलूचिस्‍तान के विद्रोहियों ने अपनी एक नई सेना बलूच नैशनलिस्‍ट आर्मी का गठन किया है। इस सेना ने शहरों से लेकर कबायली इलाकों तक पाकिस्‍तान को खून के आंसू रुलाना शुरू कर दिया है। बलूचों ने जहां ईरान सीमा के पास स्थित केच में 10 पाकिस्‍तानी सैनिकों को मार गिराया है, वहीं पंजाब प्रांत के लाहौर शहर में जोरदार विस्‍फोट करके दुनिया को अपनी बढ़ती ताकत का अहसास कराया है। लाहौर हमले के जरिए बलूच नैशनलिस्‍ट आर्मी ने यह बता दिया है कि वे केवल बलूचिस्‍तान तक ही इस जंग को सीमित नहीं रखना चाहते हैं। उनके निशाने पर पंजाब के शहरी इलाके भी आ गए हैं।

 

यह वहीं  प्रांत है जहां से पाकिस्‍तानी सेना के सबसे ज्‍यादा जवान और अधिकारी आते हैं। गत 20 जनवरी को लाहौर में हुए विस्‍फोट में तीन लोगो की मौत हो गई थी और 20 अन्‍य घायल हो गए थे। बलूचों ने ये हमले ऐसे समय पर तेज किए हैं जब इसी महीने ही यूनाईटेड बलूच आर्मी और बलूच‍ रिपब्लिकन आर्मी का विलय हो गया।इसके बाद अब बलूच नैशनलिस्‍ट आर्मी का गठन हुआ है और इसी ने लाहौर हमले की जिम्‍मेदारी ली है। एशिया टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक यह मर्जर न केवल बलूच‍िस्‍तान की आजादी के लिए बल्कि इसलिए भी महत्‍वपूर्ण है कि नई सेना देश में चीन के हितों को निशाना बनाएगी।

 

इसमें शी जिनपिंग का ड्रीम प्रॉजेक्‍ट CPEC है जो बेल्‍ट एंड रोड प्रॉजेक्‍ट का हिस्‍सा है। बलूच नैशनलिस्‍ट आर्मी इस बात का भी प्रतीक है कि बलूचिस्‍तान के दो मुख्‍य कबायली गुट मारिस और बुग्‍ती दोनों ही पाकिस्‍तान और चीन से लोहा लेने के लिए साथ आ गए हैं। एक समय ऐसा भी था जब मारिस और बुग्‍ती एक-दूसरे को देखना भी पसंद नहीं करते थे। बलूचिस्‍तान में एक अन्‍य गुट बलूचिस्‍तान लिबरेशन आर्मी पहले से ही सक्रिय है। BLA में भी कई गुट मिल चुके हैं। इस बलूच विद्रोहियों को अब पड़ोसी प्रांत सिंध के उन असंतुष्ट उग्रवादी गुटों का साथ मिल रहा है जो पाकिस्‍तान की इमरान खान सरकार से खुश नहीं हैं। बलूचों और सिंधुदेश रिवोल्‍यूशनरी आर्मी के बीच जून 2020 में एक गठबंधन हुआ था। इस गठबंधन ने प्रण लिया है कि सिंध और बलूचिस्‍तान को आजाद कराया जाएगा और चाइना पाकिस्‍तान इकनॉमिक कॉरिडोर को निशाना बनाया जाएगा।

 

चीन CPEC परियोजना पर 60 अरब डॉलर खर्च कर रहा है। बलूच नैशनलिस्‍ट आर्मी ने एक बयान जारी करके कहा है कि उनका गठन पाक‍िस्‍तानी सेना के फांसीवाद के खिलाफ बलूचों के प्रतिरोध को आगे बढ़ाने के लिए किया गया है। उन्‍होंने कहा कि हम पाकिस्‍तान सरकार और उसके सहयोगियों (चीन) के खिलाफ अपने हमलों को तेज करेंगे। यह सेना अब चीन पाकिस्‍तानी सेना के साथ बैंकों और अन्‍य शहरी लक्ष्‍यों को बलूचिस्‍तान के अंदर और बाहर भी निशाना बनाएंगे। विश्‍लेषकों का कहना है कि तालिबान की जीत के बाद बलूचों को एक नई ऊर्जा मिली है। इसलिए वे अपने हमले तेज कर रहे हैं।


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Content Writer

Tanuja

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