उम्मीद लिए घर वापसी को निकले नेपाली कामगार

punjabkesari.in Friday, May 01, 2015 - 05:40 PM (IST)

नई दिल्ली: जीविका के लिए भारत में रह रहे नेपाली नागरिक शुक्रवार को अपने घरों के लिए रवाना हो गए। नेपाल में 25 अप्रैल को आए भूकंप के बाद से उनका अपने प्रियजनों से कोई संपर्क नहीं हो पाया है। थाएलिन तमांग (39) ने नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर बताया, ‘‘हम अपने परिजनों से बात नहीं कर पाए हैं।’’
 
विमान से काठमांडू जा रहे तमांग ने कहा, वह 10 लोगों के एक समूह के साथ हैं जिनका ताल्लुक नेपाल के सिंधुपालचौक जिले से है। भूकंप से सिंधुपालचौक सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां पर 1,500 से अधिक लोगों के मारे जाने की खबर है। पिछले शनिवार को नेपाल में रिक्टर स्केल पर 7.9 तीव्रता से आए इस भीषण जलजले में अब तक 6,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। 
 
नेपाली कामगारों का दल अपने साथ अपने परिवारों के लिए टेंट और खाद्य सामग्री लेकर रहा है। उन्हें इस बात का भी पता नहीं है कि उनके गांव में राहत सामग्री पहुंची भी है या नहीं। तमांग ने कहा, ‘‘हम अपनी स्वयं की आंखों से अपने परिवारों की सलामती देखना चाहते हैं। यह काफी पीड़ादयक है।’’
 
नेर्बू शेरपा (45) ने कहा कि यद्यपि घर पर कोई नहीं है, इसके बावजूद मैं घर जा रहा हूं। उन्होंने उत्साहित होकर कहा, ‘‘वहां पर कुछ सामान है। वहां पर काफी सारी यादें हैं। मैं जो कुछ भी इकट्ठा कर सकता हूं वह इकट्ठा करना चाहता हूं।’’ 36 वर्षीय सेते तमांग ने कहा कि उनका परिवार और भाई सुरक्षित है, लेकिन वह उनसे बात नहीं कर पाए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं बस उनसे मिलना चाहता हूं।’’
 
प्रभु संगबू (33) ने कहा कि उनका घर नष्ट हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘वहां पर न तो पानी है, न खाना है और न ही कोई सूचना मिल पर रही है।’’ नेपाल जा रहे इस समूह को आशा है कि प्रभावित जिले में पहुंचकर वे पीड़ितों की मदद कर पाएंगे।
 

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